रामगोपाल द्वारा पार्टी का सम्मेलन बुलाने पर मुलायम सिंह ने यह कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो भी सम्मेलन में हिस्सा लेगा, उसे पार्टी से निकाला जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि उम्मीदवारों की लिस्ट बनाने का अधिकार केवल पार्टी अध्यक्ष को है, दूसरा कोई नहीं बना सकता है। रामगोपाल यादव ने निष्कासन को पूरी तरह असंवैधानिक बताया है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं का सम्मेलन हर हाल में बुलाया जाएगा।
लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सपा मुखिया ने कहा कि रामगोपाल अखिलेश यादव को गुमराह कर उनका भविष्य खत्म कर रहे हैं। मुलायम सिंह ने बताया कि पार्टी का अनुशासन तोड़ने पर ये बड़ा फैसला लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि रामगोपाल का पार्टी में कोई योगदान नहीं है।
मुलायम ने कहा कि रामगोपाल पर अनुशानहीनता तोड़ने से कार्रवाई की गई है और रामगोपाल के बुलाए अधिवेशन में पार्टी नेताओं और मंत्रियों के शामिल होना उसे भी अनुशासनहीनता माना जाएगा। मुलायम की मानें तो रामगोपाल का पार्टी में कोई योगदान नहीं है।
अखिलेश को पार्टी से निकालने के बाद मुलायम ने कहा कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा उसका वो जल्द ऐलान करने वाले हैं, क्योंकि ये उनका अधिकार है।
दो बड़े फैसले लेने के बाद मुलायम ने कहा कि पार्टी को उन्होंने खड़ा किया है और वो उसे टूटने नहीं देंगे। साथ ही सपा प्रमुख ने दोहराया कि रिश्ते से बड़ी उनके लिए पार्टी है।
गौरतलब है कि अलग लिस्ट जारी करने से सपा मुखिया मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव से बेहद नाराज हैं। उन्होंने दोनों को कारण बताओ नोटिस भेजा है। इनपर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया गया है।