उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 2.0 ने गुरुवार को अपना पहला बजट पेश किया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में विकास सिर्फ आंकड़ों में ही दिख रहा है जबकि सच्चाई ये है कि युवा बेरोजगार हैं। वहीं, मायावती ने इसे घिसा पिटा बजट करार दिया है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2022-23 के लिए गुरूवार को विधानसभा में पेश बजट को 'आंकड़ों का मकड़जाल' करार देते हुए कहा कि भाजपा सरकार के इस छठे बजट में सब कुछ घटा है।
 
 बजट पर यादव ने कहा, 'प्रदेश की भाजपा नीत सरकार के पिछले पांच साल में जनता को सिर्फ धोखा मिला है। उसका यह छठा बजट भी आंकड़ों का मकड़जाल है। यह बजट तो छठा है लेकिन इस बजट में सब कुछ घटा (कम हुआ) है।'
 
 गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ नीत सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट के तहत वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2022—23 के लिये 6,15,518.97 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। यह प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट है।
 
 हालांकि अखिलेश ने इसे गलत बताते हुए कहा, ‘‘तालियां तो बज रही हैं मगर यह दिल्ली के बजट को जोड़कर बनाया गया बजट है। अब भी सपा सरकार के काम ही दिख रहे हैं। जिस सरकार ने कहा था कि 2022 में किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी, आज हम 2022 में हैं... छठवां बजट पेश हुआ है... क्या हमारे किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी?'
 
 उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरीके से महंगाई बढ़ी है और लगातार बढ़ रही है, उससे राहत के लिये इस बजट में कुछ भी नहीं है। इस बजट से गांवों में उदासी है। नौजवान जो उम्मीद लगा कर बैठा था कि उसे नौकरी और रोजगार मिलेगा। आंकड़ों में तो दिखाई दे रहा है कि नौकरी और रोजगार दिया गया है मगर जमीन पर गांव में अब भी बड़े पैमाने पर नौजवानों के पास रोजगार नहीं है।’’
 
                                                 
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    