सत्तारूढ़ भाजपा नीत राजग के प्रमुख दलित चेहरा पासवान ने उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री पर नोटबंदी के बाद बसपा के बैंक खाते में कथित तौर पर 104 करोड़ रुपये जमा कराने को लेकर आलोचना की और कहा कि यह दुखद है कि समाज के सबसे दबे-कुचले वर्ग का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाली पार्टी के पास इतना धन है।
उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी लोजपा दलितों के लिए काम करती है। हमारे सात लोकसभा सांसद हैं और लोजपा के बैंक खाते में कुल रकम एक लाख तीन हजार 198 रुपये हैं। दलित की बेटी होना आपको भ्रष्टाचार करने का लाइसेंस नहीं देता। उन्हें कानून को अपना काम करने देना चाहिए और अधिकारी उनकी पार्टी के खाते की जांच करें।
आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा होने के बाद से मायावती द्वारा इसके विरोध पर चुटकी लेते हुए लोजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि उनके जैसे और राजद प्रमुख लालू प्रसाद जैसे लोग इसका विरोध क्यों कर रहे हैं। पासवान ने कहा कि वे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इसलिए वे इतना हल्ला कर रहे हैं।
मायावती के भाई के खाते में एक करोड़ 43 लाख रुपये जमा होने का जिक्र करते हुए पासवान ने कहा कि उन्हें धन का स्रोत बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि बसपा के बैंक खाते की जांच अंतिम नहीं है बल्कि पहला अध्याय है और जल्द ही और ब्यौरा सामने आएगा।
उन्होंने कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राजद और कुछ अन्य क्षेत्रीय दलों द्वारा नोटबंदी के खिलाफ चलाए गए संयुक्त कार्यक्रम पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राजद के साथ गठबंधन में शामिल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नोटबंदी का समर्थन कर रहे हैं और वे लोग राजनीतिक कारणों से इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने इन पार्टियों को चुनौती दी कि अगर वे अपने विरोध को लेकर गंभीर हैं तो कुमार की सरकार से समर्थन वापस ले लें। (एजेंसी)