गुजरात में विधायक दल के नेता को चुनने के लिए शनिवार सुबह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक हुई। इस बैठक में भूपेंद्र पटेल को विधायक दल का नेता चुना गया है। बैठक में बीजेपी के सभी विधायक मौजूद रहे। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद भूपेंद्र पटेल आज राज्यपाल से मिलकर गुजरात में सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं।
गांधीनगर में हुई विधायक दल की बैठक के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में आए राजनाथ सिंह, बी एस येदियुरप्पा और अर्जुन मुंडा भी मौजूद रहे। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद भूपेंद्र पटेल ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों और विधायकों का आभार जताया।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल ने भूपेंद्र पटेल के विधायक दल का नेता चुने जाने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र पटेल 12 दिसंबर को शपथ ग्रहण करेंगे। वहीं, खबरों के मुताबिक, आज शाम भूपेंद्र पटेल और प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल दिल्ली आ रहे हैं, यहां वह पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे।
बता दें कि, शनिवार को नए मुख्यमंत्री के चुनाव के लिए भाजपा विधायक दल की बैठक हुई। यह बैठक भाजपा के प्रदेश मुख्यालय ‘कमलम' में हुई। भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह, बी एस येदियुरप्पा और अर्जुन मुंडा बैठक में मौजूद रहे। नए नेता के चुनाव के लिए बैठक महज औपचारिकता है क्योंकि पार्टी ने पहले ही घोषणा कर रखी है कि अहमदाबाद जिले में घाटलोढिया विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार 1.92 लाख मतों से जीतने वाले पटेल मुख्यमंत्री बने रहेंगे। पटेल ने पिछले सात सितंबर में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में विजय रूपाणी का स्थान लिया था।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान कई मौकों पर भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व की सराहना की थी और लोगों से नरेंद्र-भूपेंद्र की जोड़ी को चुनाव जिताने की अपील की थी।
भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सी आर पाटिल ने भी गुरूवार को चुनाव परिणाम आने के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि भूपेंद्र पटेल ही राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे और उनका शपथ ग्रहण समारोह 12 दिसंबर को होगा।
पाटिल ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित कई केंद्रीय मंत्री व नेता शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होंगे।
गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में भाजपा ने 156 सीट जीतकर गुरूवार को ऐतिहासिक जीत दर्ज की। भाजपा ने न केवल 2002 के अपने सबसे अच्छे प्रदर्शन 127 सीट पर जीत के आंकड़े को पीछे छोड़ दिया, बल्कि वह कांग्रेस के 1985 के रिकार्ड को भी पार कर गयी। वर्ष 1985 में माधव सिंह सोलंकी के नेतृत्व में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 149 सीट जीती थी।