तेलंगाना के वित्त और स्वास्थ्य मंत्री टी. हरीश राव ने सोमवार को कहा कि सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) राज्य में तीसरा कार्यकाल चाहती है क्योंकि पिछले 10 वर्षों में पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के प्रदर्शन को देखने के बाद लोगों की उम्मीदें और बढ़ गई हैं और यह सत्ता विरोधी लहर नहीं है।
पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) के भतीजे राव ने कहा कि लोग जानते हैं कि अगर वे बीआरएस को वोट देते हैं तो विकास मौजूदा बिंदु से शुरू होगा और किसी भी अन्य सरकार को यह काम शून्य से करना होगा।
उन्होंने दावा किया कि लोगों ने देखा है कि कैसे कांग्रेस कर्नाटक में पांच गारंटी पूरी करने में विफल रही है और वे उस प्रयोग को तेलंगाना में नहीं देखना चाहते।
राव ने कहा कि विपक्षी दलों ने हर तरह के दुष्प्रचार का सहारा लिया, लेकिन लोग राज्य में देख सकते हैं कि विकास ने उनका जीवन कैसे बदल दिया है। उन्होंने कहा कि रायथु बंधु (किसानों के लिए निवेश सहायता योजना) और कल्याण लक्ष्मी (विवाह सहायता योजना) जैसी योजनाएं ऐसे उदाहरण हैं जिनका अन्य राज्य अनुसरण करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘10 साल के शासन के बाद कोई भी सरकार 100 प्रतिशत संतुष्ट करने वाली सरकार नहीं हो सकती। उम्मीदें अधिक होंगी।’’ उन्होंने कहा कि यह सत्ता विरोधी लहर नहीं है।
राव के अनुसार, दूसरे कार्यकाल के दौरान सरकार के खर्च अधिक थे, जबकि कोरोना वायरस महामारी के कारण राजस्व कम रहा। बीआरएस नेता ने कहा, ‘‘फिर भी सरकार ने कल्याणकारी योजनाएं बंद नहीं कीं, हालांकि कुछ योजनाओं में हम ज्यादा कुछ नहीं कर सके।’’
कृषि ऋण माफी योजना के मामले में वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कुल 19,000 करोड़ रुपये में से 14,000 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है और शेष कृषि ऋण माफ करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि बढ़ती आबादी और शिक्षा क्षेत्र को देखते हुए सरकार की हैदराबाद के आसपास के इलाकों के विकास सहित कई योजनाएं हैं।
गजवेल, सिद्दीपेट और सिरसिला को छोड़कर, अन्य विधानसभा क्षेत्रों का राज्य में समान विकास नहीं होने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए राव ने कहा कि यह गलत है क्योंकि सत्तारूढ़ सरकार ने सर्वांगीण विकास पर ध्यान केंद्रित किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘वे इस तरह की बातें कर रहे हैं क्योंकि वे मतदाताओं को भ्रमित कर कुछ वोट पाने के लिए हमें बदनाम करना चाहते हैं। लेकिन लोग जानते हैं कि वे हमारी कल्याणकारी योजनाओं के तहत 24 घंटे बिजली, स्वच्छ पेयजल, बेहतर सिंचाई और अस्पताल सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं।’’ राव के अनुसार, राज्य में अस्पतालों के बुनियादी ढांचे में भारी बदलाव आया हैतथा सरकारी अस्पतालों में संस्थागत प्रसव 2014 से पहले केवल 13 प्रतिशत था जो बढ़कर आज 76 प्रतिशत हो गया है।
कल्याणकारी योजनाओं पर भारी खर्च के कारण बढ़ते कर्ज की चिंताओं पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह सच नहीं है क्योंकि भारतीय रिवर्ज बैंक (आरबीआई) की हालिया रिपोर्ट में तेलंगाना देश का पांचवां ऐसा राज्य है जिस पर कम कर्ज है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे ऊपर 23 राज्य हैं। इसका मतलब है कि हम कई अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।’’
उन्होंने यह भी कहा कि लंबित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने में कोई वित्तीय समस्या नहीं होगी क्योंकि लगभग 80-85 प्रतिशत निवेश किया जा चुका है और उन्हें पूरा करने के लिए अधिक धन की आवश्यकता नहीं होगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या नए चुनावी वादे राज्य के खजाने पर और दबाव डालेंगे, राव ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि कैसे प्रबंधन करना है। हमारे पास विचार हैं। हमारे पास राजस्व संसाधन हैं। इन सभी को ध्यान में रखते हुए हमने चुनावी वादे किए हैं।’’
बजट अनुमान 2023-24 के अनुसार, तेलंगाना सरकार का बकाया सार्वजनिक ऋण 3,57,059 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों के लिए 30 नवंबर को मतदान होगा। बीआरएस को उम्मीद है कि उसे 75 से अधिक सीटें मिलेंगी।