उन्नाव रेप पीड़ित ने शुक्रवार रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में आखिरी सांस लेने के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। एक तरफ जहां प्रियंका गांधी ने उन्नाव पहुंचकर मृतका के परिवार वालों से मुलाकात की तो वहीं दूसरी तरफ सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विधानसभा के सामने धरने पर बैठ गए हैं। अब बसपा सुप्रीमो मायावती राज्यपाल से मुलाकात करने के लिए राजभवन पहुंच गई हैं। बसपा सुप्रीमो राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर उन्हें उन्नाव कांड व महिला उत्पीड़न की समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा।
वहीं, खबर ये भी है कि विधानसभा के बाहर धरना दे रहे अखिलेश यादव ने भी राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है। माना जा रहा है कि वह भी उन्नाव मामले को लेकर उनसे मुलाकात कर सकते हैं।
राज्यपाल से मिलने के बाद क्या बोलीं मायावती
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात के बाद मायावती ने कहा कि यूपी में अपराधियों के बीच कानून का कोई डर नहीं है। बलात्कार की घटनाएं अब आम हैं। खुद एक महिला होने के नाते, यूपी के राज्यपाल को इस मामले पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए। स्थिति का जायजा लेने के लिए उन्हें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश की पुलिस से मुलाकात करनी चाहिए।
राज्यपाल से मिलीं मायावती, महिला समस्याओं पर सौंपा ज्ञापन
उन्नाव मामले को लेकर कांग्रेस और पूर्व सीएम अखिलेश यादव के धरना प्रदर्शन के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती राज्यपाल से मुलाकात करने राजभवन पहुंच गई हैं। बसपा सुप्रीमो राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर उन्हें उन्नाव कांड व महिला उत्पीड़न की समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि महिला राज्यपाल हैं उन्हें इस तरह की घटनाओं पर दखल देना चाहिए।
इससे पहले मायावती ने ट्वीट कर बताया, 'राजभवन से समय मिलने के उपरान्त महिला उत्पीड़न की गंभीर समस्या आदि के सम्बंध में यूपी की माननीया राज्यपाल से मिलने अभी 2.15 बजे मैं राजभवन जा रही हूं।'
कांग्रेस पार्टी के नेता भी धरने पर
विधानभवन के सामने कांग्रेस पार्टी के नेता भी धरने पर बैठे हैं। वहीं, महिला कांग्रेस भी भाजपा मुख्यालय के गेट पर पहुंच गया है और प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान धरने पर बैठे और विरोध जता रहे लोग ‘योगी-मोदी इस्तीफा दो’ के नारे भी लगा रहे हैं। इस बीच खबर ये भी है कि विरोध प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने बल का प्रयोग किया। कई लोग घायल भी हुए हैं।
अखिलेश के साथ ये नेता भी धरने पर
अखिलेश यादव के साथ उत्तर प्रदेश सपा ईकाई के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और सपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र चौधरी भी उनके साथ विधाननसभा के बाहर धरने पर बैठे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री के धरने पर बैठने से पहले प्रशासन को भनक तक नहीं लगी। इस बीच विधानसभा के आसपास सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता कर दी गई है।
‘यूपी की बेटी की जान गई, इसके लिए सरकार ही दोषी है’
अखिलेश ने मीडिया से बातचीत में सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यूपी की बेटी की जान गई है। इसके लिए सरकार ही दोषी है। यह सब सरकार की जानकारी में था। जिन पर आरोप लगे हैं वो भाजपा से जुड़े हुए हैं। इसीलिए उसको न्याय नहीं मिला। देश की बहादुर बेटी को हम बचा नहीं पाए, इसके लिए हम सब शर्मिंदा हैं।
सरकार एक बेटी की जान नहीं बचा पाई- अखिलेश
अखिलेश ने कहा कि सरकार कहा था कि यूपी की कानून व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगा। सीएम ने सदन में कहा था कि अपराधियों को ठोक दो। लेकिन, आज यूपी में क्या हो रहा है। सरकार एक बेटी की जान नहीं बचा पाई। भाजपा की सरकार वो है जहां बेटियां सुरक्षित नहीं हैं और उनका सम्मान सुरक्षित नहीं हैं। उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है। क्या यही भाजपा का नारा था।
‘यूपी में भाजपा की सरकार बनी, लेकिन बेटियों की हालत नहीं हुई ठीक’
अखिलेश ने कहा कि उप्र ने देश को राष्ट्रपति और पीएम दिया है और यूपी में भाजपा की सरकार बनी है लेकिन उसके बावजूद बेटियों की हालत नहीं ठीक हुई। जब तक सरकार नहीं जाएगी तब तक हालात बद्तर बनी रहेगी। मैं सरकार से जाना जाता हूं कि मेरी सरकार ने 100 नम्बर दिया था लेकिन सरकार ने उसे 112 कर दिया गया।
‘लोकभवन हमारी सरकार ने बनाया इसका भी श्रेय यही लोग ले रहे हैं’
पूर्व सीएम ने कहा कि बेटी की मौत के लिए कोई देषी है तो वह सरकार दोषी हैं। डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह के रहते बेटियों की सुरक्षा नहीं मिल सकती है। यूपी में भाजपा सरकार ने लोगों को भरोसा दिलाया था कि सरकार महिलाओं की रक्षा करेगी। लोकभवन हमारी सरकार ने बनाया इसका भी श्रेय यही लोग ले रहे हैं। हमें उम्मीद है कि मीडिया लोकतंत्र को बचाने के लिए घटनाओं को उजागर करती रहेगी। मैं चाहता हूं कि बेटियों को न्याय मिले।
‘इमारत में बैठकर महिलाओं के साथ अन्याय किया जा रहा है’
अखिलेश यादव ने कहा कि जब तक सीएम, डीजीपी और गृह सचिव नहीं हटेंगे तब तक न्याय नहीं मिलेगा। दुनिया की सबसे बेहतरीन इमारत में बैठकर महिलाओं के साथ अन्याय किया जा रहा है। पूर्व सीएम ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने की जिम्मेदारी सबके कंधों पर है। कई बार ऐसा हुआ है कि सरकार से न्याय मांगने लोग गए हैं और उनकी हत्या हो गई है। सरकार ने बेटी को सुरक्षा क्यों नहीं दी।
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, रेप पीड़ित लड़की को उसी के गांव के आरोपी शिवम ने शादी का झांसा देकर अपने जाल में फंसा लिया था। उसने दुष्कर्म के वीडियो बनाकर ब्लैकमेल और मानसिक तौर पर यातनाएं दीं। परेशान होकर लड़की अपनी बुआ के घर रायबरेली चली गई। शिवम ने यहां भी उसका पीछा नहीं छोड़ा और हथियारों के दम पर सामूहिक दुष्कर्म किया था।
इसके बाद 5 मार्च, 2018 को परिवार की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर दुष्कर्म के दो आरोपियों शिवम और शुभम को गिरफ्तार किया था। इसके बाद दोनों 3 दिसंबर को जमानत पर बाहर आए तो लड़की को जला दिया। पुलिस ने शिवम, उसके पिता रामकिशोर, शुभम, हरिशंकर और उमेश बाजपेयी को गिरफ्तार किया है।