केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने मोदी सरकार के प्रति तेवर सख्त कर लिए हैं। पासवान के बेटे और सांसद चिराग पासवान ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा को उनकी पार्टी का समर्थन मुद्दों पर आधारित है। उन्होंने दलितों के उत्पीड़न के खिलाफ कानून में सख्त प्रावधान करने और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के चेयरमैन एके गोयल को नौ अगस्त तक पद से हटाने की मांग की है।
चिराग पासवान ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह एससी/एसटी एक्ट पर संसद में सात अगस्त को एक बिल लाकर पिछले कानून को बहाल करें। उन्होंने कहा कि वैसे वह चाहते थे कि सरकार इसके बारे में एक अध्यादेश लाए लेकिन अभी ऐसा संभव नहीं है इसलिए हम इसे बिल के रूप में पेश करने मांग कर रहे हैं।
पासवान ने कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो दस अगस्त को दलित संगठनों के भारत बंद के दौरान होने वाला विरोध दो अप्रैल के आंदोलन से ज्यादा आक्रामक हो सकता है। दो अप्रैल को देश भर में हुए प्रदर्शन में दस से अधिक लोग मारे गए थे जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए थे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर आगजनी भी की थी।
हालांकि उन्होंने सरकार को सीधे तौर पर धमकी नहीं दी और कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अत्यधिक विश्वास करते हैं क्योंकि उनकी सरकार ने दलितों के लिए काफी काम किया है। लोजपा नेता ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम में 'इफ बट से लेकर कॉमा फुल स्टॉप' तक कोई बदलाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह उनमें हमारा विश्वास बढ़ाता है।