इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और चौटाला परिवार में कलह के बीच सोमवार को अजय चौटाला तिहाड़ जेल से पैरोल पर बाहर आए। जेल से बाहर आने के बाद अजय को उनके बेटे दुष्यंत चौटाला गाड़ी में लेकर 18 जनपथ पहुंचे और इसके बाद वे दिल्ली स्थित अपने सरकारी आवास पहुंचे।
आवास पर समर्थकों का हुजूम देखकर अजय चौटाला ने हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन स्वीकार किया और सब ठीक होने का संकेत भी दिया। दुष्यंत और दिग्विजय के भविष्य को लेकर होने वाले फैसले को सुनने के लिए भारी संख्या में समर्थकों का जमावड़ा लगा हुआ है।
इस दौरान अजय चौटाला ने कहा कि हम न सत्ता के लोभी है और न ही स्वार्थी। हम चाहते है कि पहले आपका सम्मान हो बाद में हमारे कार्यकर्ताओं का। साथ ही अभय द्वारा कार्यकर्ताओं को पेड कांग्रेसी कहने पर अजय चौटाला भड़क उठे। उन्होंने कहा कि इनेलो किसी को बपोती नहीं है। साथ ही कहा कि मै लोगों से मिलूंगा और उनसे पूछूगा कि वो क्या चाहते है। अभय ने कहा कि लोग जो हमारे लिए यहां आए है। जिसमें अनूप धानक फौगाट, लौहान बांगड़, पूर्व रमेश खटक, पदम दहिया, निशान सिंह, अलावलपुर से डा. देवेंद्र .. पूर्व विधायक। ये सब कांग्रेसी हैं क्या ?
उन्होंने कहा कि मैं इनेलो का संस्थापक हूं और मेरे होते हुए इसे कोई भंग नहीं कर सकता। साथ ही उन्होंने संकेत देते हुए कहा कि दुष्यंत-दिग्विजय अपनी अलग पार्टी नहीं बनाएंगे। अब 17 नवंबर को जींद में दुष्यंत व दिग्विजय का भविष्य तय किया जाएगा। अजय चौटाला ने कहा कि वो कल 10 बजे झज्जर, 11 बजे दादरी, 12 बजे भिवानी, 2 बजे हांसी, 3 बजे हिसार पहुंचेगे और लोगों को संबोधित करेंगे। उनसे राय लेंगे। उन्होंने कहा कि चौटाला साहब ही कहते है कि अधिकार मांगने से नहीं मिलते छीनने पड़ते है। अब हम वहीं करेंगे। हम उन्हें मजबूर कर देंगे कि वो खुद कहेंगे कि आवो दुष्यंत, पार्टी में शामिल हो जाओ।
गौरतलब है कि इनेलो परिवार की खींचतान ओमप्रकाश चौटाला के जेल जाने के बाद से शुरू हुई थी कि सत्ता किसे दी जाए। उनकी सत्ता के दो प्रमुख दावेदार हैं। उनमें एक छोटा बेटा अभय चौटाला और दूसरी बड़े बेटे की बहू नैना चौटाला थी। चौटाला परिवार की सत्ता अभय चौटाला को मिली। इसके बाद कुछ मौकों पर पारिवारिक विवाद सामने आता रहा। लेकिन गोहाना में जो दिखा वो जग जाहिर हुआ। पार्टी की युवा बिग्रेड़ में जो जोश दिखा, उससे लगा कि युवा पार्टी कार्यकर्ता दुष्यंत को अपना सीएम देखना चाहते हैं।
इंडियन नेशनल लोकदल और चौटाला परिवार में चल रहे विवाद के बीच शुक्रवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला ने अपने दोनों पोतों सांसद दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को पार्टी से निकाल दिया था। इतना ही नही उन्होंने तुरंत प्रभाव से दोनों की प्राथमिक सदस्यता भी रद्द कर दी। साथ ही, दुष्यंत को पार्टी की संसदीय समिति के नेतृत्व से भी हटा दिया।
बता दें कि दुष्यंत और दिग्विजय पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगे थे। आरोपों में दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय सिंह दोनों पर 7 अक्टूबर, 2018 को चौधरी देवी लाल के जन्मदिवस के दौरान गोहाना में आयोजित कार्यक्रम में अनुशासनहीनता दिखाई। साथ ही, हुड़दंगबाजी भी की। आखिरकार नोटिस नोटिस खेलने के बाद ओपी चौटाला की ओर से दोनों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।