पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। एक तरफ़, राज्यपाल ने सीएम मान को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी दी तो अब मुख्यमंत्री मान ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था पूरी तरह हमारे नियंत्रण में है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, "कल राज्यपाल ने पंजाब के शांतिपसंद लोगों को धमकी दी कि वह राष्ट्रपति शासन लगा देंगे। राज्यपाल ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।" उन्होंने कहा, "जब से हमारी सरकार आई है, बहुत काम किए गए हैं। सिर्फ अगस्त महीने में 41 किलो हेरोइन ज़ब्त की गई। अब तक 753 गैंगस्टर गिरफ्तार हुए। 786 हथियार और वाहन ज़ब्त किए गए हैं। कानून व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में है।"
<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="hi" dir="ltr">कल राज्यपाल ने पंजाब के शांतिपसंद लोगों को धमकी दी कि वह राष्ट्रपति शासन लगा देंगे। राज्यपाल ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। जब से हमारी सरकार आई है, बहुत काम किए गए हैं। सिर्फ अगस्त महीने में 41 किलो हेरोइन ज़ब्त की गई। अब तक 753 गैंगस्टर गिरफ्तार हुए। 786 हथियार और वाहन… <a href="https://t.co/wRImjASL09">pic.twitter.com/wRImjASL09</a></p>— ANI_HindiNews (@AHindinews) <a href="https://twitter.com/AHindinews/status/1695318992079233266?ref_src=twsrc%5Etfw">August 26, 2023</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
बता दें कि पंजाब के राज्यपाल और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच तनातनी देखने को मिल रही है। इसी बीच बनवारीलाल पुरोहित ने सीएम को कड़े शब्दों में एक पत्र भेजा और उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनके पत्रों का जवाब नहीं दिया गया तो वह राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं और आपराधिक कार्यवाही भी शुरू कर सकते हैं।
पुरोहित ने मान को संविधान के अनुच्छेद 356 और भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के तहत यह "अंतिम निर्णय" लेने से पहले कार्रवाई करने की सलाह दी। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की ''धमकी'' के लिए शुक्रवार को राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित की आलोचना की और कहा कि इसके बजाय मणिपुर और हरियाणा में ऐसा किया जाना चाहिए।
पंजाब आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग ने कहा कि मान सरकार संवैधानिक ढांचे के भीतर काम कर रही है और भाजपा पर गैर-भाजपा शासित राज्यों में सरकारों के कामकाज में हस्तक्षेप करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
कांग ने कहा, "राज्यपाल को मर्यादा बनाए रखनी चाहिए और अनुच्छेद 356 की धमकी नहीं देनी चाहिए। अगर वे राष्ट्रपति शासन लगाना चाहते हैं तो यह मणिपुर और हरियाणा में लगाया जाना चाहिए।" मणिपुर और हरियाणा दोनों में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारें हैं और हाल ही में जातीय और सांप्रदायिक झड़पों को लेकर खबरों में थे।
आमतौर पर राज्यपाल द्वारा रिपोर्ट भेजे जाने के बाद अनुच्छेद 356 के लागू होने पर किसी राज्य को सीधे केंद्र के शासन के अधीन लाया जाता है। आईपीसी की धारा राष्ट्रपति या राज्यपाल पर हमला करने या उन्हें उनकी कानूनी शक्तियों का प्रयोग करने से गलत तरीके से रोकने से संबंधित है।
राज्यपाल ने लिखा था, "इससे पहले कि मैं संवैधानिक तंत्र की विफलता के बारे में अनुच्छेद 356 के तहत भारत के राष्ट्रपति को एक रिपोर्ट भेजने और आईपीसी की धारा 124 के तहत आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के बारे में कोई निर्णय लेने जा रहा हूं, मैं आपसे मुझे जवाब भेजने के लिए कहता हूं।"
"उपरोक्त मेरे पत्रों के तहत और राज्य में नशीली दवाओं की समस्या के संबंध में आपके द्वारा उठाए गए कदमों के संबंध में अपेक्षित जानकारी मांगी गई है, ऐसा न करने पर मेरे पास कानून और संविधान के अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।"