केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को विधानसभा में घोषणा की कि राज्य से अत्यधिक गरीबी का उन्मूलन हो चुका है। विजयन ने केरल के ‘पिरवी’ या स्थापना दिवस के अवसर पर बुलाए गए सदन के विशेष सत्र में यह घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने केरल के स्थापना दिवस के अवसर पर बुलाए गए सदन के विशेष सत्र में यह घोषणा की। वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने सरकार के इस दावे को पूरी तरह से धोखाधड़ी करार दिया है।
विधानसभा का विशेष सत्र शुरु होते ही नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीशन ने कहा कि केंद्र सरकार के अनुसार, राज्य में लगभग 5.9 लाख ऐसे परिवार हैं जो ‘गरीबों में भी अतिगरीब’ की श्रेणी में आते हैं। जिन्हें केंद्र सरकार अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) कार्ड जारी करती है और उन्हें राशन के रूप में मुफ्त चावल, अनाज और आटा प्रदान करती है। उन्होंने पूछा कि अगर राज्य सरकार यह घोषणा करती है कि केरल अति गरीबी से मुक्त हो गया है तो क्या इसके चलते केंद्र सरकार ‘अंत्योदय अन्न योजना’ के कार्ड धारकों को लाभ देना बंद कर देगी।
विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कहा कि नियम 300 के माध्यम से सीएम का बयान पूरी तरह से धोखाधड़ी और सदन के नियमों की अवमानना है। उन्होंने कहा कि इस वजह से हम इस सदन में शामिल नहीं होंगे और सत्र का पूरी तरह से बहिष्कार कर रहे हैं। विपक्ष के नेताओं ने सीएम के दावे को धोखाधड़ी और शर्मनाक बताते हुए नारे भी लगाए।
वहीं, मुख्यमंत्री ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि यूडीएफ जब धोखाधड़ी शब्द कहता है तो वह अपने ही व्यवहार की बात कर रहा होता है। सीएम ने आगे कहा कि हम केवल वही कहते हैं जो हम लागू कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमने जो कहा था उसे लागू किया है और विपक्ष के नेताओं को यही मेरा जवाब है।