लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा के लिए हुई कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की। सीडब्ल्यूसी ने राहुल की यह पेशकश नामंजूर कर दी। सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने कहा कि पार्टी को राहुल के मार्गदर्शन और नेतृत्व की जरूरत है। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान भी राहुल के इस्तीफे की पेशकश की खबरें आई थीं, लेकिन तब पार्टी ने इससे इनकार कर दिया था।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने कांग्रेस अध्यक्ष को पार्टी का पुनर्गठन करने के अधिकार दिए हैं जिसके लिए एक विस्तृत प्लान जल्द ही लाया जाएगा।‘
कांग्रेस नेता एके एंटनी ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि ये हमारा सबसे खराब प्रदर्शन है लेकिन हम अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाए। पार्टी इस पर विस्तार से बात करेगी। आज हमने सामान्य चर्चाएं ही कीं।‘
ये लोग हुए शामिल
बैठक में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों ने अपनी बात रखी। सभी की बात सुनने के बाद राहुल ने बैठक को संबोधित किया। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कैप्टन अमरिंदर सिंह, अशोक गहलोत, पी चिदम्बरम, एके एंटनी, अहमद पटेल, शीला दीक्षित, अंबिका सोनी, आनंद शर्मा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा आदि नेता मौजूद रहे। वहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ बैठक में नहीं पहुंचे।
कांग्रेस को मिलीं 52 सीटें
कांग्रेस लगातार दूसरे लोकसभा चुनाव में अपना प्रदर्शन नहीं सुधार पाई। 2014 में कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं, इस बार पार्टी को आठ सीटों का फायदा हुआ। माना जा रहा कि बैठक में पार्टी को लोकसभा चुनाव में मिली हार पर चर्चा हुई। खासकर मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में, जहां पार्टी ने पांच महीने पहले ही विधानसभा चुनाव जीते थे। इसके अलावा कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हुई हार पर भी मंथन हुआ। यहां कांग्रेस सत्ता में थी, लेकिन इस बार भाजपा ने 28 में से 25 सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस को सिर्फ एक सीट पर संतोष करना पड़ा।
तीन राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों ने इस्तीफा सौंपा
इस बीच कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षों ने हार की जिम्मेदारी को लेते हुए इस्तीफा दे दिया है।