कर्नाटक चुनाव के मध्य कांग्रेस पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर कन्नड़ भाषा के कम प्रचार का आरोप लगाया है। शुक्रवार को कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह के उस कथित बयान पर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने भाजपा को सभी भाषाओं का प्रचार करने वाली पार्टी बताया था। कांग्रेस का कहना है कि, केंद्र सरकार ने संस्कृत भाषा के प्रचार के लिए अबतक करीब 640 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, जबकि कन्नड़ के लिए केवल तीन करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
विदित हो कि, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि, भाजपा भारत की सभी भाषाओं के लिए खड़ी है। उन्होंने विपक्षी दलों द्वारा लगाए जा रहे हिंदी के अधिक प्रचार वाले आरोपों को "राजनीतिक चाल" का नाम भी दिया। अब इसपर पलटवार करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रभारी संचार जयराम रमेश ने भाजपा को घेरने की कोशिश की है।
जयराम रमेश ने ट्वीट में लिखा कि, "गृह मंत्री ने एक साक्षात्कार में दावा किया है कि भाजपा सभी भाषाओं के 'प्रचार' के लिए खड़ी है...क्या इसलिए मोदी सरकार ने संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए 640 करोड़ रुपए और देश की छह शास्त्रीय भाषाओं में से एक कन्नड़ को बढ़ावा देने के लिए सिर्फ 3 करोड़ रुपए खर्च किए हैं?"
उन्होंने आगे पूछा, " क्या यही कारण है कि जिस व्यक्ति ने राज्य गान लिखने वाले महान कुवेम्पु का अपमान किया था, उसे "40% आयोग सरकार" द्वारा पाठ्यपुस्तक संशोधन समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। क्या इसलिए वन संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 के साथ कानूनों के अंग्रेजी नामों को खत्म करने और उन्हें हिंदी नामों से बदलने की परंपरा शुरू हो गई है?"
जयराम ने लिखा कि, "मैं इस बारे में बहुत कुछ कह सकता हूं, गृह मंत्री जी। लेकिन फिर आप एक ऐसे व्यक्ति के लिए काम करते हैं, जिसका आदर्श वाक्य असत्यमेव जयते रहा है।" बता दें कि शाह ने साक्षात्कार में "भाजपा और केंद्र सरकार के दक्षिणी राज्य में हिंदी थोपने की कोशिश करने" के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि, "नरेंद्र मोदी सरकार ने संविधान की आठवीं अनुसूची में सभी भाषाओं में विभिन्न भर्ती परीक्षाएं आयोजित करने के लिए व्यवस्था की थी।" कर्नाटक में चुनावों से पहले भाषा कार्ड क्या रंग लाता है, यह तो वक्त ही बताएगा।