उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज लखनऊ में इंडो-म्यामांर-थाईलैंड मैत्री कार रैली को हरी झंडी दिखाने के बाद कहा कि वह काले धन के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, ये बात एकदम स्पष्ट है कि काला धन पैदा नहीं होना चाहिए। अखिलेश ने कहा, आर्थिक विशेषज्ञ कहते हैं कि काले धन की समानान्तर अर्थव्यवस्था के चलते ही वैश्विक आर्थिक मंदी का असर भारत में उतना महसूस नहीं हुआ। उनकी ये टिप्पणी पांच सौ और हजार रूपये की नोटबंदी के बाद बैंकों और एटीएम पर लगी कतारों के परिप्रेक्ष्य में है। उन्होंने कहा कि जिस सरकार ने गरीब को तकलीफ दी, उसे जनता ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। इस सरकार ने आम आदमी को गहरी पीड़ा दी है। अखिलेश का मानना है कि नोटबंदी से काला धन रोकने का उद्देश्य हल नहीं होगा। उन्होंने शनिवार को कहा था, अच्छी बात है कि भ्रष्टाचार रूके और जनता जागरूक हो कि भ्रष्टाचार न किया जाए। लेकिन केवल पांच सौ और हजार के नोट बंद करने से ये समस्या दूर होने वाली नहीं है, जिनके पास हजार और पांच सौ के नोट हैं, वे अब दो हजार रूपये के नोट का इंतजार कर रहे हैं।
अखिलेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरूण जेटली को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि निजी अस्पतालों और दवा की दुकानों पर पांच सौ और हजार रूपये के नोट 30 नवंबर तक चलाने की अनुमति दी जाए ताकि गरीबों को चिकित्सकीय सुविधा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने पांच सौ और हजार के नोट बंद होने से किसानों को हो रही असुविधा के मद्देनजर केन्द्र से राहत दिए जाने की मांग की है। अखिलेश ने कल एक बयान में कहा, नोट बंद किए जाने से उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश के किसानों के सामने रबी की बुआई में बीज खाद आदि का इंतजाम करने का गंभीर संकट पैदा हो गया है। अखिलेश ने कहा कि यदि केन्द्र सरकार किसानों की हितैषी है तो वह उन्हें राहत पहुंचाने के लिए जरूरी कदम उठाए। उन्होंने इससे पहले सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे जनता खासकर ग्रामीण इलाके के लोगों को नए करेंसी नोट उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय बैंक अधिकारियों से तालमेल कर जरूरी व्यवस्था सुनिश्चित करें।