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महाराष्ट्र के एक गांव में मतपत्रों से पुनर्मतदान की मांग, निषेधाज्ञा और सुरक्षा व्यवस्था लागू

महाराष्ट्र के मालशिरस विधानसभा क्षेत्र के एक गांव में मंगलवार को अत्यधिक संख्या में पुलिस कर्मियों...
महाराष्ट्र के एक गांव में मतपत्रों से पुनर्मतदान की मांग, निषेधाज्ञा और सुरक्षा व्यवस्था लागू

महाराष्ट्र के मालशिरस विधानसभा क्षेत्र के एक गांव में मंगलवार को अत्यधिक संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है, क्योंकि कुछ स्थानीय लोगों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर संदेह जताया और मतपत्रों से ‘‘पुनर्मतदान’’ कराने पर जोर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

एक अधिकारी ने बताया कि मालशिरस उप-मंडल अधिकारी (एसडीएम) ने सोमवार को कुछ स्थानीय लोगों की ‘‘पुनर्मतदान’’ की योजना के कारण किसी भी संघर्ष या कानून-व्यवस्था संबंधी स्थिति से बचने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत दो से पांच दिसंबर तक क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी।

सोलापुर जिले के मालशिरस खंड के अंतर्गत मार्कडवाडी गांव के निवासियों ने बैनर लगाकर दावा किया है कि तीन दिसंबर को ‘‘पुनर्मतदान’’ कराया जाएगा।

यह गांव मालशिरस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां 20 नवंबर को हुए राज्य विधानसभा चुनावों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के उम्मीदवार उत्तम जानकर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राम सातपुते को 13,147 मतों से हराया था। चुनाव के नतीजे दो नवंबर को घोषित किए गए थे।

इस सीट से जानकर विजयी रहे। हालांकि, मार्कडवाडी के निवासियों ने दावा किया कि उनके गांव में जानकर को सातपुते के मुकाबले कम वोट मिले, जो संभव नहीं था।

स्थानीय निवासी रंजीत मार्कड ने दावा किया कि मतदान के दिन गांव में 2,000 मतदाता थे और उनमें से 1,900 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

मार्कड ने कहा, ‘‘गांव ने पहले भी हमेशा जानकर का समर्थन किया है, लेकिन इस बार ईवीएम के जरिए हुई मतगणना के अनुसार जानकर को 843 वोट मिले, जबकि भाजपा उम्मीदवार सातपुते को 1,003 वोट मिले। यह संभव नहीं है और हमें ईवीएम के इन आंकड़ों पर भरोसा नहीं है, इसीलिए हमने मतपत्रों के जरिए पुनर्मतदान कराने का फैसला किया है।’’

एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि ईवीएम के नतीजे संदेहास्पद हैं और ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मतपत्रों के जरिए पुनर्मतदान कराने के लिए जिला प्रशासन से संपर्क किया था, लेकिन अनुरोध खारिज कर दिया गया।

मार्कडवाडी गांव में मंगलवार की सुबह स्थानीय लोगों के एक समूह ने मतपत्रों के उपयोग से ‘‘पुनर्मतदान’’ की व्यवस्था की।

इस घटना का संज्ञान लेते हुए पहले ही निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और गांव में भारी पुलिस सुरक्षा तैनात कर दी गई है, क्योंकि स्थानीय लोगों का एक समूह उस स्थान के बाहर एकत्र हो गया है जहां उन्होंने ‘‘पुनर्मतदान’’ निर्धारित किया है।

मार्कडवाडी में मौजूद उत्तम जानकर ने कहा कि जिला प्रशासन ने गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया है। उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस ने गांव में सड़कें बंद कर दी हैं। चेतावनी दी है कि मामले दर्ज किए जाएंगे और मतदान सामग्री जब्त कर ली जाएगी, लेकिन जब सभी ग्रामीण यहां एकत्र हो जाएंगे तो पुनर्मतदान शुरू हो जाएगा क्योंकि ग्रामीण मतदान में भाग लेने के लिए दृढ़ संकल्प हैं।’’

पुलिस उपाधीक्षक (मालशिरस संभाग) नारायण शिरगावकर ने कहा कि गांव में कानून-व्यवस्था की किसी भी स्थिति से बचने के लिए पर्याप्त सुरक्षा तैनात की गई है।

हाल में संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति ने राज्य की 288 सीट में से 230 सीट जीतीं, जिसमें भाजपा 132 सीट पर विजयी रही, उसके बाद शिवसेना 57 और अजित पवार की राकांपा 41 सीट पर विजयी रही।

शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार की राकांपा (एसपी) वाली महा विकास आघाडी को सिर्फ 46 सीट ही मिल पाई।

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