सीडी कांड में दिनेश त्रिवेदी और सुब्रत बख्शी को भी घूस देने की पेशकश की गई थी। लेकिन दोनों ने ही मना कर दिया था दिनेश त्रिवेदी ने कहा है कि अगर वे तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष होते तो दागी नेताओं से पूछताछ करते। फिर कहते कि इस्तीफा दे दें। जब तक जांच में बेदाग साबित नहीं होते, घर बैठें। दिनेश त्रिवेदी के अनुसार, ऐसा करने से पार्टी के प्रति लोगों के मन में श्रद्धा बढ़ जाती। विधानसभा चुनाव में भी लाभ होता। वे लालकृष्ण आडवाणी का उदाहरण देते हैं, जब उनपर हवाला कांड में आरोप लगे थे। बाद में बेदाग होकर श्री आडवाणी पार्टी में लौट आए।
बैरकपुर के सांसद दिनेश त्रिवेदी अरसे से पार्टी में हाशिए पर हैं। यूपीए सरकार में रेलमंत्री थे और ममता बनर्जी ने अचानक इस्तीफा दिलवा दिया था। तब नाराजगी जताते हुए श्री त्रिवेदी ने कांग्रेस की ओर कदम बढ़ाए थे। वे कांग्रेस में तो नहीं गए, लेकिन तब से ही ममता बनर्जी से उनके संबंध अच्छे नहीं हो पाए। विधानसभा चुनाव के दौरान उनके चुनाव क्षेत्र की विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार चुनने में भी उनकी राय नहीं ली गई। माना जा रहा है कि उनकी नाराजगी सीडी कांड के बहाने सामने आई है।