एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना के एक विधायक संतोष बांगर ने बच्चों से यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि अगर आपके मम्मी-पापा मेरे लिए वोट नहीं करते हैं तो दो दिन तक खाना मत खाना।
कलमनुरी के विधायक बांगर की यह टिप्पणी तब आयी है जब एक सप्ताह से भी कम समय पहले निर्वाचन आयोग ने चुनाव संबंधी गतिविधियों में बच्चों के इस्तेमाल के खिलाफ दिशा निर्देश जारी किए थे।
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में बांगर को यह कहते हुए सुना गया, ‘‘अगर आपके माता-पिता अगले चुनाव में मेरे लिए वोट नहीं करते हैं तो दो दिन तक खाना मत खाना।’’ यह वीडियो हिंगोली जिले में उनके एक जिला परिषद स्कूल के दौरे के दौरान बनाया गया था।
बांगर ने बच्चों से कहा कि अगर उनके माता-पिता खाना न खाने की वजह पूछे तो उन्हें कहना है, ‘‘‘वोट फॉर संतोष बांगर’, तभी हम खाना खाएंगे।’’ इन बच्चों की उम्र 10 साल से कम थी। इसके बाद विधायक ने बच्चों से यह बात दोहराने के लिए कहा कि वे अपने माता-पिता के सामने क्या कहेंगे।
बांगर की टिप्पणियों पर कांग्रेस तथा शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेताओं ने प्रतिक्रिया देते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
राकांपा (शरद पवार गुट) के प्रवक्ता क्लाईड क्रास्टो ने कहा, ‘‘बांगर ने स्कूली बच्चों से जो कहा है, वह निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के खिलाफ है इसलिए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। वह बार-बार उल्लंघन करते हैं और भाजपा का सहयोगी होने के कारण छूट जाते हैं। आयोग को बिना किसी पूर्वाग्रह के उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।’’
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने निर्वाचन आयोग से बांगर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की और पूछा कि क्या राज्य के शिक्षा मंत्री सो रहे थे, जब उनकी पार्टी का एक विधायक स्कूली बच्चों से ऐसी बातें कर रहा था। बांगर पहले भी अपनी टिप्पणियों को लेकर विवादों में आ चुके हैं।
पिछले महीने उन्होंने कहा कि अगर 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनते हैं तो वह फांसी लगा लेंगे।
कलमनुरी पुलिस ने पिछले साल अगस्त में एक रैली के दौरान तलवार लहराने के आरोप में उन पर मामला दर्ज किया था। 2022 में एक मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के कैटरिंग प्रबंधक को थप्पड़ मारने का उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी प्रसारित हुआ था।