महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के नेता आज राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करेंगे। हालांकि इस मुलाकात का मुद्दा किसानों के नुकसान पर चर्चा का बताया जा रहा है लेकिन अहम ये है कि सत्ता का फॉर्मूला तय होने के बाद पहली बार तीनों पार्टियों के नेता एक साथ राज्यपाल से मिल रहे हैं। हालांकि सरकार का गठन किस दिन होगा ये अभी भी तय नहीं है। हालांकि, माना जा रहा है कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (सीएमपी) पर सहमति बन गई है।
इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो भी सरकार बनेगी वह पांच साल तक चलेगी। वहीं, जब शरद पवार से सीएम के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा है कि अगर कोई मुख्यमंत्री पद के लिए दावा करता है, तो उस पर विचार किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि महाराष्ट्र में 5 साल नहीं, बल्कि 25 साल के लिए शिवसेना की सरकार होनी चाहिए। कल यानि रविवार को पवार सोनिया गांधी से मुलाकात भी करने वाले हैं। इन सब चर्चाओं के बीच महाराष्ट्र के बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि बीजेपी को राज्य में 119 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। और राज्य में सिर्फ बीजेपी ही स्थिर सरकार दे सकती है। पाटिल ने कहा, 'बीजेपी को 14 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। हमारे पास कुल मिलाकर 119 विधायकों की संख्या है। इसी वजह से देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि हमारे बिना सरकार नहीं बन सकती।'
शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी नेता आज राज्यपाल से मिलेंगे
शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी का प्रतिनिधिमंडल शनिवार शाम 4 बजे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलेगा। पहले केवल एनसीपी-कांग्रेस नेताओं के मिलने की बात थी। बाद में शिवसेना ने कहा कि उसके नेता भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल होंगे। तीनों दलों के एक साथ जाने पर सरकार बनाने की दावेदारी की भी अटकलें लग रही हैं।
हालांकि वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलकर किसानों की समस्याओं को उठाएगा और उनकी मदद करने की अपील करेगा। उन्होंने कहा कि यह मुलाकात सरकार बनाने की दावेदारी पेश करने के लिए नहीं है।
फड़नवीस ने की कोश्यारी से मुलाकात
राज्य में जारी सियासी हलचलों के बीच शुक्रवार सुबह पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने कोश्यारी से मुलाकात की और बेमौसम बारिश से बर्बाद हुई फसल के चलते प्रभावित किसानों की मदद के लिए आर्थिक सहायता जारी करने की मांग की। उन्होंने राज्यपाल कार्यालय के जरिए मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद पहुंचाने की अपील की। उनकी मांगों को राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया।
न्यूनतम साझा कार्यक्रम, ये है तय फॉर्मूला
महाराष्ट्र में साझा सरकार के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम का मसौदा तैयार है। न्यूनतम साझा कार्यक्रम में कॉमन एजेंडा नाम के हिस्से में वैचारिक मतभेद को पाटने के लिए तीनो दल वैचारिक प्रतिबद्धता का त्याग करेगी या उससे पीछे हटेंगे।
शिवसेना वीर सावरकर के नाम से परहेज करेगी और उनकी कट्टर हिंदुत्व की विचारधारा से खुद को दूर करेगी। ठीक उसी तरह कांग्रेस और एनसीपी महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का नाम लेने से परहेज करेंगे यानी अब महात्मा गांधी की हत्या के लिए नाथूराम गोडसे को जिम्मेदार ठहराने वाले भाषण नहीं होंगे।
निश्चित रूप से सीएम शिवसेना का होगा- एनसीपी
एनसीपी ने मुख्यमंत्री पद को लेकर बड़ा बयान दिया। एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, 'सवाल बार-बार पूछा जा रहा है कि शिवसेना का सीएम होगा क्या? सीएम के पोस्ट को लेके ही शिवसेना और बीजेपी के बीच में विवाद हुआ तो निश्चित रूप से सीएम शिवसेना का होगा। शिवसेना को अपमानित किया गया है, उनका स्वाभिमान बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी बनती है।'