जम्मू मुख्यालय में कश्मीरी पंडितों को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के सुप्रीमो फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को दावा किया कि समुदाय अभी भी कश्मीर लौटने का इंतजार कर रहा है, क्योंकि जिन लोगों ने वादा किया था वे इसे पूरा करने में नाकाम रहा है। कश्मीर के लोगों को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया गया है। वोट के लिए कश्मीरी पंडितों और कश्मीरी मुसलमानों के बीच समस्याएं खड़ी की गई है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच हुए मतभेद के कारण हमारे दुश्मनों को फायदा मिलेगा। फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि अगर नेता धर्म और राजनीति को एक दूसरे से दूर नहीं रखेंगे तो देश नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि मंदिर और मस्जिद पर हिंदुओं और मुसलमानों को विभाजित किया जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा, "हम अपने समय में मंदिरों के लिए बिल लाए थे। कई ने हमें धमकी दी, हमें इसे पारित नहीं करना चाहिए, लेकिन हमने इसे पास किया। अब्दुल्ला ने 1990 के दशक की शुरुआत में घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन की उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों से जांच कराने की मांग की है।
मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि वे महिला अधिकार विधेयक पारित क्यों नहीं करते? महिलाओं के मुद्दे पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके बीजेपी पास संसद में 300 सदस्य हैं, लेकिन वे नहीं चाहते कि महिलाएं उठें और पुरुषों के बराबर दर्जा हासिल करें।
अब्दुल्ला ने 1990 के कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए बिना नाम लिए जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल जगमोहन को दोषी ठहराया है। उन्होंने अनुच्छेद 370 को रद्द करने के लिए केंद्र पर भी निशाना साधा और दावा किया कि चुनाव के कारण कृषि कानूनों को निरस्त किया गया।
नेशनल कांफ्रेंस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने शनिवार को तीन प्रस्ताव पारित किये, जिनमें घाटी में प्रवासी कश्मीरी पंडितों की वापसी तथा पुनर्वास और उनके राजनीतिक सशक्तिकरण समेत कई आह्वान किए गए हैं। ये प्रस्ताव यहां पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में एक दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत में पेश किए गए। इनमें समुदाय के मंदिरों और धार्मिक स्थलों के प्रबंधन के लिए एक विधेयक पारित करने की भी मांग की गई।
प्रस्तावों को प्रस्तुत करते समय वरिष्ठ नेता अनिल धर ने कहा, ''प्रवासी कश्मीरी पंडित समुदाय पिछले तीन दशकों से अपनी सम्मानजनक वापसी और पुनर्वास के लिए तरस रहा है। यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है।'' उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ही एकमात्र पार्टी है जो घाटी में पंडितों की वापसी और पुनर्वास सुनिश्चित कर सकती है।