आम आदमी पार्टी का कहना है, सर्विस रूल कंडक्ट में साफ है कि सरकारी अफसर न तो राजनैतिक बयानबाजी कर सकता है और न ही हड़ताल। लेकिन मुख्य सचिव के विवाद के बाद से आईएएस अफसर न केवल खुलेआम धमकियां दे रहे हैं बल्कि राजनैतिक बयानबाजी भी कर रहे हैं। इसके खिलाफ उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।
आप प्रवक्ता आशुतोष ने कहा, ‘सर्विस कंडक्ट रुल के तहत यह साफ़ है कि सरकारी अफ़सर किसी भी तरह की राजनीतिक बयानबाज़ी नहीं कर सकते और न ही वह हड़ताल या प्रोटेस्ट जैसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं हो सकते। वरिष्ठ अधिकारी किसी भी तरह का राजनीतिक बयान नहीं दे सकते, बावजूद इसके ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से अधिकारी आम आदमी पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ राजनीतिक बयानबाज़ी कर रहे हैं और सरकारी ऑफ़िस का इस्तेमाल करते हुए राजनीतिक हमलेबाज़ी की जा रही है।‘
सर्विस रूल एक्ट 1968, के मुताबिक कोई भी अधिकारी सोशल मीडिया पर राजनीतिक बयानबाजी नहीं कर सकता। सरकार की आलोचना करना एक तरह की राजनीतिक बयानबाजी है, जो की सर्विस रूल एक्ट कानून का उल्लंघन है : @ashutosh83B pic.twitter.com/ReCPnunesV
— AAP (@AamAadmiParty) February 28, 2018
उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा दिल्ली के अंदर जो माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है, उसकी आम आदमी पार्टी न केवल निंदा करती है बल्कि ये सब बड़े षडयंत्र के तहत किया जा रहा है। इन सरकारी अफसरों की कॉल डिटेल्स की जांच होनी चाहिए। आरोप लगाने से पहले और आरोप लगाने के बाद इन अफसरों की किन-किन राजनेताओं से बात हुई है, इसकी पड़ताल होनी चाहिए। आईएएस अफसरों ने सोशल मीडिया पर लगातार दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री की आलोचना की है। प्रेस कॉन्फ्रेंस करके वह राजनीतिक बयानबाजी कर रहे हैं। साफ़तौर से कहा जा रहा है कि कोई भी अधिकारी दिल्ली सरकार के किसी मीटिंग में नहीं जाएगा, ना ही काम करेगा यह बेहद दुखद है। आप नेता दिलीप पांडे ने कहा कि अफसरों द्वारा सरकार की बर्खास्तगी की मांग करना एक राजनैतिक बयानबाजी है जो कि सर्विस रुल एक्ट 1968, सेक्शन 7 के खिलाफ़ है।