महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी का शुक्रवार को निधन हो गया। उन्होंने शुक्रवार सुबह करीब तीन बजे मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे 86 साल के थे। उन्हें कार्डियक अरेस्ट के बाद यहां भर्ती कराया गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष मनोहर जोशी के निधन पर शुक्रवार को गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक विभिन्न जिम्मेदारियों को निभाते हुए महाराष्ट्र की प्रगति के लिए अथक प्रयास किया।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' लिखा, "मनोहर जोशी जी के निधन से दुखी हूं। वह एक अनुभवी नेता थे जिन्होंने सार्वजनिक सेवा में वर्षों बिताए और नगरपालिका, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न जिम्मेदारियों को निभाया।"
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने राज्य की प्रगति के लिए अथक काम किया और केंद्रीय मंत्री के रूप में भी उल्लेखनीय योगदान दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने संसदीय प्रक्रियाओं को अधिक जीवंत और सहभागी बनाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि के रूप में मनोहर जोशी को उनके परिश्रम के लिए भी याद किया जाएगा, जिन्हें नगरपालिका से लेकर विधानमंडल और संसद तक में सेवा करने का सम्मान मिला।
मोदी ने कहा, ‘‘उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।" शिवसेना के दिग्गज नेताओं में शुमार जोशी को पिछले वर्ष मई में मस्तिष्काघात के बाद हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
देवेंद्र फडणवीस ने जताया दुख
इस बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूर्व सीएम मनोहर जोशी के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी के निधन की खबर अत्यंत दुखद है। मेरा उनसे व्यक्तिगत संबंध था। महाराष्ट्र के राजनीतिक-सामाजिक, शैक्षणिक क्षेत्र में उनका योगदान कभी नहीं भूला जाएगा। मैं उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
इससे पहले अस्पताल ने गुरुवार को एक बयान में कहा था कि मनोहर जोशी (86) गंभीर रूप से बीमार थे। शिवसेना के दिग्गज नेता को पिछले साल मई में ब्रेन हैमरेज के बाद इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मनोहर जोशी का सियासी सफर
जोशी 1995 से 1999 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे और वह अविभाजित शिवसेना से राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले नेता थे। जोशी संसद के सदस्य भी चुने गए थे और वह 2002 से 2004 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे।