पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के खिलाफ पार्टी में बगावत के सुर तेज हो गए हैं। प्रभावशाली शिया नेता और पूर्व मंत्री इमरान अंसारी ने महबूबा पर वंशवाद को बढ़ावा देने और अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के सपनों को तोड़ने का आरोप लगाया है। उनके अलावा विधायक अबीद हुसैन अंसारी और मोहम्मद अब्बास वानी ने भी महबूबा के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। पीडीपी में फूट की आशंका ऐसे वक्त में गहराने लगी है जब गठबंधन को लेकर कांग्रेस से उसकी बातचीत की खबरें आ रही हैं। पिछले महीने भाजपा के समर्थन वापस लेने के बाद महबूबा को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था और राज्य में फिलहाल राज्यपाल शासन लागू है।
पत्तन से विधायक अंसारी ने कहा, “महबूबा न केवल पार्टी का नेतृत्व करने में विफल रही है, बल्कि उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद ने जो सपने देखे थे उसे भी तोड़ दिया है। वंशवाद और एक परिवार की राजनीति के खिलाफ पीडीपी का गठन किया गया था। लेकिन, पिता की मौत के बाद महबूबा ने वंशवाद को बढ़ावा देकर इसे फैमिली डेमोक्रेटिक पार्टी में बदल दिया है। मामा, मौसा, चाचा, भाई और अन्य रिश्तेदारों को पार्टी में इस तरह बढ़ाया जैसे यह कोई फैमिली शो हो।”
उल्लेखनीय है कि इस साल की शुरुआत में भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार में महबूबा ने अपने रिश्तेदार तशादुक मुफ्ती को कैबिनेट मंत्री बनाया था। चाचा सरताज मदनी को पार्टी में महत्वपूर्ण पद से नवाजा था। एक अन्य रिश्तेदार फारूक अंद्राबी भी कुछ दिनों के लिए गठबंधन सरकार में मंत्री बनाए गए थे। अंसारी ने बताया कि उन्होंने कई मौकों पर महबूबा को रिश्तेदारों को आगे बढ़ाने को लेकर आगाह किया था, लेकिन उन्होंने उनकी नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि जब कुछ लोगों ने पार्टी को हाइजैक कर रखा है तो अच्छा होगा कि हम जैसे लोग पार्टी छोड़ दें।
अबीद हुसैन और अब्बास वानी ने भी अंसारी के आरोपों का समर्थन करते हुए कहा है कि पार्टी विधायकों को कोई तवज्जो नहीं मिल रही है। दोनों का कहना है कि पिछले चुनाव में अंसारी ने कई सीटों पर पार्टी को जीत दिलवाई थी लेकिन सरकार बनने के बाद उनके योगदान को भुला दिया गया। सूत्रों का कहना है कि आने वाले वक्त में पीडीपी में बगावत के सुर और भी तेज हो सकते हैं। बताया जाता है कि पार्टी के कुछ नेता भाजपा के संपर्क में हैं और अमरनाथ यात्रा पूरी होने के बाद वे पाला बदल सकते हैं।