महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच सियासी गतिरोध कायम है। बीजपी और शिवसेना के बीच 50-50 फॉर्मूले पर अब तक सहमति नहीं बन पाई है। शिवसेना जहां मुख्यमंत्री पद को लेकर 50-50 फॉर्मूला अपनाने को कह रही है, वहीं बीजेपी इस समझौते से इनकार कर रही है। इस बीच आज भारतीय जनता पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल से मिलने वाला है। राज्य में जारी इस उठापटक के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी गुरुवार को होने वाली अपनी सभी बैठकों को रद्द कर दिल्ली से नागपुर पहुंचे। नागपुर एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य में जल्द ही सरकार का निर्णय होगा, शिवसेना से बातचीत जारी है। उन्होंने साफ किया कि भाजपा को सबसे बड़े दल के रूप में जनादेश मिला है, इसलिए देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में ही सरकार बनेगी।
महाराष्ट्र पर फैसला जल्द
महाराष्ट्र में सरकार गठन पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जल्द फैसला हो जाएगा। देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की सरकार बनेगी। इस मामले से आरएसएस और मोहन भागवत का कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरा सीएम बनने का सवाल ही नहीं है। मैं दिल्ली में ही रहूंगा।
मोहन भागवत से मुलाकात गडकरी ने कहा दोनों अलग-अलग मुद्दे
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के साथ मुलाकात पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह दोनों अलग-अलग मुद्दे हैं उनका सरकार से कोई संबंध नहीं है। बताया जा रहा है कि गडकरी एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में संग प्रमुख से मिलने वाले हैं। वहीं, उनके नाम पर मुख्यमंत्री की चर्चा पर गडकरी ने कहा कि वे दिल्ली में खुश हैं।
शिवसेना के साथ सरकार बनाना चाहते हैं: मुनगंटीवार
राज्य के वरिष्ठ बीजेपी नेता और राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा है कि हम एक मजबूत और स्थिर सरकार चलाना चाहते हैं, हम शिवसेना के साथ सरकार बनाना चाहते हैं। उद्धव ठाकरे ने स्वयं कहा था कि देवेंद्र फड़नवीस भी शिवसैनिक हैं। मुनगंटीवार से जब पूछा गया कि क्या भाजपा अल्पसंख्यक सरकार बनाने का दावा करेगी? इसे लेकर उन्होंने कहा कि अभी तक हमारी ऐसी कोई योजना नहीं है।
भागवत ठाकरे के बीच कोई बातचीत नहीं- राउत
शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा है कि अभी तक महाराष्ट्र में सरकार गठन पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बीच अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है। उन्होंने यह बात शिवसेना के विधायक की उद्धव ठाकरे से मुलाकात से पहले कही।
राउत ने कहा- पार्टी के लिए प्रतिबद्ध हैं विधायक
इससे पहले यह खबर सामने आई की शिवसेना अपने विधायकों को टूटने के डर से एक रिजॉर्ट में ले जा रही है। संजय राउत ने इसका खंडन किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के विधायक दृढ़ संकल्प रखते हैं और पार्टी के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस वजह से ऐसा करने की जरूरत नहीं है। जो लोग इस तरह की अफवाहें फैला रहे हैं उन्हें पहले अपने विधायकों की चिंता करनी चाहिए। राज्य में शिवसेना का ही मुख्यमंत्री होगा।
गडकरी को संकट के समाधान के लिए कहा जाना चाहिए
बता दें कि इससे पहले शनिवार को शिवसेना नेता किशोर तिवारी ने मोहन भागवत को लिखा मांग की थी कि गडकरी को संकट के समाधान के लिए कहा जाना चाहिए। भाजपा और शिवसेना ने इस बार मिलकर चुनाव लड़ा था और भाजपा को 105 सीटें और शिवसेना को 56 सीटें मिली थीं। लेकिन फैसले के बाद से शिवसेना 50:50 के फॉर्मूले को लेकर लगातार भाजपा के खिलाफ हमलावर है।
अगले दो दिन काफी अहम
बता दें कि राज्य की राजनीति के लिए अगले दो दिन काफी अहम होने वाले हैं। शनिवार यानी 9 नवंबर को विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। ऐसे में नई सरकार के गठन की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इसी बीच चंद्रकांत पाटिल के नेतृत्व में भाजपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल आज महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करेगा।