गुजरात के अहमदाबाद में झड़प मामले में गिरफ्तार किए गए कांग्रेस के पांच कार्यकर्ताओं को पार्टी नेता राहुल गांधी के एक दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचने से कुछ घंटे पहले न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
गांधी को वासणा थाने में पार्टी के इन कार्यकर्ताओं से मिलना था, जहां वे बंद थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें पुलिस रिमांड की समाप्ति पर सुबह मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बी जी राठौड़ की अदालत में पेश किया।
वासणा पुलिस थाने के निरीक्षक राहुल पटेल ने बताया कि पांचों को साबरमती केंद्रीय कारा में स्थानांतरित कर दिया गया है। कांग्रेस विधायक इमरान खेड़ावाला ने कहा कि पुलिस ने पार्टी के पांचों कार्यकर्ताओं को सुबह अदालत में पेश किया, हालांकि उनकी रिमांड शाम चार बजे समाप्त होनी थी।
खेड़ावाला ने कहा कि पार्टी के कानूनी प्रकोष्ठ ने साबरमती केंद्रीय जेल से संपर्क किया और गांधी की इन पांच कार्यकर्ताओं से मुलाकात की अनुमति मांगी, लेकिन इतने कम समय में इस पर मंजूरी की संभावना नहीं है। खेड़ावाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भले ही राहुल गांधी जेल में बंद पार्टी कार्यकर्ताओं से नहीं मिल पाएं, लेकिन वह निश्चित रूप से उनके परिवार के सदस्यों से मिलेंगे।’’
पांचों कार्यकर्ताओं को दो जुलाई को पालदी इलाके में प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय राजीव गांधी भवन के बाहर कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के बाद गिरफ्तार किया गया था। यह झड़प सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा लोकसभा में राहुल गांधी की हिंदुओं के बारे में टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई थी।
पुलिस के अनुसार, दोनों पक्षों में पथराव हुआ, जिसमें एक सहायक पुलिस आयुक्त सहित पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए। झड़प के एक दिन बाद तीन जुलाई को एलिसब्रिज पुलिस ने दो प्राथमिकी दर्ज की और कांग्रेस के पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया, जो फिलहाल रिमांड पर हैं।
एक प्राथमिकी पुलिस ने कांग्रेस और भाजपा दोनों से जुड़े लगभग 450 कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज की, जबकि दूसरी प्राथमिकी भाजपा की अहमदाबाद इकाई की युवा शाखा की शिकायत पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज की गई।
कांग्रेस पदाधिकारियों के अनुसार, अपने अहमदाबाद दौरे के दौरान गांधी राजकोट गेमिंग जोन अग्निकांड, वडोदरा नाव पलटने और मोरबी पुल टूटने की घटनाओं के पीड़ितों के परिजनों से मिलेंगे।