खुद और अपने करीबी लोगों की घेराबंदी के बीच मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने भाजपा पर हमला बोला है। राज्य स्थापना दिवस के एक दिन पहले हेमन्त सोरेन ने यह विस्फोट किया है। 15 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी आना था मगर कल देर शाम कार्यक्रम में संशोधन हो गया। वे राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम में तो शामिल नहीं होंगी मगर उसी दिन आदिवासियों के भगवान के रूप में ख्यात बिरसा मुंडा की जन्मभूमि खूंटी के उलिहातू जायेंगी।
इधर माइनिंग लीज मामले में हेमन्त सोरेन को 17 नवंबर को ईडी के कार्यालय में भी पेश होना है। यह हेमन्त को ईडी का दूसरा समन है। इसके पहले के समन में अपनी व्यस्तता के हवाले हाजिर न होकर तीन सप्ताह का समय मांगा था। मगर ईडी ने तीन सप्ताह का समय देने के बदले उसके पहले ही 17 नवंबर को हाजिर होने का निर्देश दिया है। इसी घटना क्रम के बीच हेमन्त सोरेन ने भाजपा की रघुवर सरकार में मंत्री रहे पांच लोगों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में निगरानी से जांच कराने का फैसला किया है। इनमें चार अभी भी भाजपा के विधायक हैं।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी, रणधीर कुमार सिंह, डॉ. नीरा यादव, लुईस मराण्डी एवं नीलकंठ सिंह मुंडा के विरुद्ध प्रत्यानुपातिक धनार्जन की अग्रेतर जांच हेतु पी.ई. दर्ज करने के लिए मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग (निगरानी) को निर्देश दिया है। रघुवर सरकार में नीलकंठ सिंह मुंडा ग्रामीण विकास, लुईस मरांडी समाज कल्याण एवं महिला विकास, रणधीर सिंह कृषि, नीरा यादव शिक्षा एवं अमर बाउरी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की जिम्मेदारी संभालते थे।
विदित हो कि W.P. (PIL) 316/ 2020 पंकज कुमार यादव बनाम झारखंड राज्य एवं अन्य के संबंध में मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग द्वारा पूर्व सरकार के मंत्रियों के विरुद्ध आई.आर. दर्ज कर गोपनीय सत्यापन प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का अनुरोध भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, रांची से किया है, जिसमें भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रांची द्वारा पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी, पूर्व मंत्री रणधीर कुमार सिंह, पूर्व मंत्री डॉ. नीरा यादव, पूर्व मंत्री लुईस मरांडी एवं पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा पर परिवादी द्वारा लगाए गए प्रत्यानुपातिक धनार्जन के आरोप के लिए अब तक के गोपनीय सत्यापन से पुष्टि होने का उल्लेख करते हुए उनके विरुद्ध अलग-अलग पी.ई. दर्ज करने हेतु अनुमति की मांग की गई है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, रांची के सत्यापन प्रतिवेदन के उपरांत मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग (समन्वय) द्वारा मुख्यमंत्री से पूर्व मंत्रियों के विरुद्ध प्रत्यानुपातिक धनार्जन कि अग्रेतर जांच हेतु पी.ई. दर्ज करने के बिंदु पर अनुरोध किया गया था। भ्रष्टाचार पर घिरती हेमन्त सरकार को भ्रष्टाचार के मामले में पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के मंत्रियों पर हमला करने का मौका मिल गया है। खुद रघुवर दास के खिलाफ कई मामले निगरानी में चल रहे हैं।
साथ ही मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने भूमि का अवैध एल.पी.सी. निर्गत कर निबंधन करने में संलिप्त देवघर के तत्कालीन अंचल अधिकारी श्री अमर प्रसाद, तत्कालीन अंचल अधिकारी श्री जयवर्द्धन कुमार एवं तत्कालीन अवर जिला निबंधक श्री राहुल चौबे के विरुद्ध पी.ई. दर्ज करते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से जांच कराने का निर्देश दिया है।
बता दें कि उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी, देवघर द्वारा इन पदाधिकारियों के विरुद्ध मौजा श्यामगंज, थाना नंबर 413, प्लॉट नंबर 240, कुल रकबा 114.78 डि. भूमि का अवैध एलपीसी निर्गत कर भू-माफियाओं के साथ मिलीभगत कर अवैध रूप से भूमि की खरीद बिक्री से संबंधित शिकायत प्राप्त हुई थी। इससे संबंधित उपायुक्त देवघर द्वारा पर्याप्त साक्ष्य भी समर्पित किया गया है।