महाराष्ट्र में आगामी 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। सिल्लोड विधानसभा क्षेत्र महाराष्ट्र विधानसभा के 288 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। ऐसे में यहां सियासी पारा चरम पर है। छत्रपति संभाजीनगर की इस सीट पर शिवसेना की ओर से अब्दुल सत्तार को उतारा गया है। हालांकि, स्थानीय भाजपा इकाई ने राज्य पार्टी को जानकारी दे दी है कि वह सत्तार के लिए प्रचार नहीं करेगी।
नगर भाजपा अध्यक्ष कमलेश कटारिया ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में दावा किया कि राज्य के अल्पसंख्यक विकास मंत्री सत्तार सिल्लोड में भाजपा को खत्म करने की बात कर रहे थे और पार्टी कार्यकर्ताओं को धमका रहे थे।
बता दें कि सत्तार ने इससे पहले 2009 और 2014 में विपक्षी कांग्रेस के टिकट पर सिल्लोड विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। बाद में वह तत्कालीन अविभाजित शिवसेना में शामिल हो गए और उसके टिकट पर सफलतापूर्वक 2019 का चुनाव लड़ा। पार्टी के बंटवारे के बाद, सत्तार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए और महायुति सरकार में कैबिनेट मंत्री बन गए, जिसमें भाजपा और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की एनसीपी भी शामिल है।
सत्तार को सिल्लोड में उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) के सुरेश बंकर के खिलाफ खड़ा किया गया है। विधानसभा क्षेत्र जालना लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, जहां से भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे इस साल की शुरुआत में हुए संसदीय चुनावों में कांग्रेस के कल्याण काले से हार गए थे।
कटारिया ने कहा, 'हम सिल्लोड विधानसभा क्षेत्र में सत्तार के लिए प्रचार नहीं करेंगे। वह हालांकि महायुति के उम्मीदवार हैं, लेकिन वह सिल्लोड से भाजपा को खत्म करने की बात करते हैं। वह भाजपा कार्यकर्ताओं को धमकाते हैं और उनके खिलाफ फर्जी शिकायत दर्ज कराते हैं।'
उन्होंने यह भी दावा किया कि सत्तार ने खुले तौर पर काले के लिए प्रचार किया और जालना लोकसभा सीट पर दानवे को जीतवाने के लिए काम नहीं किया। भाजपा की पहली प्राथमिकता राष्ट्रीय हित है और इस संदर्भ में सत्तार उपयुक्त उम्मीदवार नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा, 'मैंने राज्य भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक पत्र भेजा है, जिसमें सूचित किया गया है कि हम सत्तार के लिए प्रचार नहीं करेंगे।