बिहार विधान परिसर में शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए चौधरी ने कहा, मांझी ने मुझपर जो आरोप लगाए हैं मैंने उन्हें सुना है। मांझी ने कहा है कि उन्होंने मेरे कारण इस्तीफा दिया। अगर ऐसा है तो मैं स्वयं को सौभाग्यशाली मानता हूं। मांझी ने शुक्रवार को विश्वासमत से पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष नीतीश कुमार के इशारे पर काम कर रहे हैं। मांझी ने यह भी कहा था कि उनके पास बहुमत है लेकिन अध्यक्ष द्वारा गुप्त मतदान की अनुमति नहीं मिलने के कारण वह पद से इस्तीफा दे रहे हैं। चौधरी ने कहा, मुझे आश्चर्य है कि प्रदेश के प्रशासनिक प्रमुख मांझी कह रहे हैं कि उनकी हत्या की जा सकती थी। यदि वे स्वयं के लिए ऐसी बातें कर रहे हैं तो हम बिहार की 11 करोड़ जनता की स्थिति का स्वत: अंदाजा लगा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मांझी का यह बयान उनके सुशासन के दावे की पोल खोल रहा है। विश्वासमत के दौरान सदन परिसर में एम्बुलेंस, चिकित्सक और अग्निशमन दस्ते की उपस्थिति को लेकर मांझी ने आशंका जतायी थी कि उनके समर्थकों के साथ मारपीट की जा सकती है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चौधरी ने कहा, सदन के सत्र के दौरान जब जेड श्रेणी की सुरक्षा पाने वाले व्यक्ति उपस्थित होते हैं तो परिसर में एम्बुलेंस, चिकित्सक और अग्निशमन दस्ते की मौजूदगी अनिवार्य होती है। मांझी के इस बयान पर कि गुप्त मतदान का उनका आग्रह स्वीकार नहीं किया गया और खुले मतदान से उनके समर्थक विधायकों की जान को खतरा हो सकता था पर प्रतिक्रिया देते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा मैंने जो भी कदम उठाए वह सही, संवैधानिक और नियमानुकूल थे। गुप्त मतदान की मांग की सदन के नियमानुसार नहीं है। यह पूछने पर कि उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए संवाददाता सम्मेलन बुलाने की जरूरत क्यों महसूस हुई चौधरी ने पलटकर सवाल किया क्या हम जनता के बीच गलत संदेश जाने दें।