दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष की नियुक्ति पर जंग को कड़े शब्दों में लिखे पत्र में केजरीवाल ने कहा कि यह अहम का मुद्दा नहीं है। माननीय उप राज्यपाल, प्रधानमंत्री जीते, हम सभी हार गए। हम लोग आपसे डीसीडब्ल्यू से संबद्ध फाइल पर हस्ताक्षर करने और इसे कामकाजी बनाने के लिए हाथ जोड़कर विनती करते हैं। मैं आपको फाइल भेज रहा हूं।
उन्होंने आरोप लगाया की उप राज्यपाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर काम कर रहे हैं। केजरीवाल ने पत्र में कहा, उप राज्यपाल कह रहे हैं कि वह दिल्ली की सरकार हैं। यह कैसे हो सकता है? एक व्यक्ति कैसे अपने को सरकार कह सकता है? इसका परिणाम दिल्ली में तानाशाही के रूप में होगा। इससे अधिक हास्यास्पद कुछ नहीं हो सकता। भारत एक लोकतंत्र है। दिल्ली में एक चुनी हुई सरकार है। उन्होंने कहा यह तथ्य है कि दिल्ली सरकार का मतलब चुनी हुई सरकार है, ना कि कोई व्यक्ति। केजरीवाल ने साथ ही कहा, उप राज्यपाल क्यों इस तरह का हास्यास्पद और असंवैधानिक बयान दे रहे हैं। सच्चाई यह है कि उप राज्यपाल अपने से कुछ भी नहीं कर रहे। उन्हें करने के लिए कहा जा रहा है।
दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख के रूप में स्वाति मालीवाल की नियुक्ति को रद्द करते हुए जंग ने मंगलवार को गृह मंत्रालय के एक आदेश का हवाला देते हुए केजरीवाल को पत्र लिख कहा था कि सरकार का मतलब राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उप राज्यपाल से है जो शीर्ष पदों पर नियुक्ति समेत महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लेने वाले एकमात्र अधिकारी हैं।
जंग के साथ बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार ने अनुमति के लिए फाइल को जंग के पास भेजा है लेकिन साथ ही कहा कि ऐसा पैनल को कमजोर करने की साजिश को रोकने के लिए किया गया है। केजरीवाल ने कहा है डीसीडब्लू को संचालित करने वाले कानून में लिखा गया है कि दिल्ली सरकार के पास डीसीडब्लू के सदस्यों को नियुक्त करने का पूरा अधिकार है।