परिसीमन आयोग का मसौदे को लेकर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भाजपा को निशाने पर लिया है। उन्होंने परिसीमन आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मसौदा पार्टी के लिए अस्वीकार्य है और इस मुद्दे पर 23 फरवरी को पीएजीडी की आगामी बैठक में चर्चा की जाएगी। मसौदा भाजपा के अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने, हिंदुओं और मुसलमानों को अलग करने, इसे गोडसे का भारत बनाना चाहता है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि देश के हर एक संस्थान को भाजपाल तहस नहस करने में जुटी है। इसी तरह की कोशिश कश्मीर में परिसीमन के जरिए की जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा हिंदू और मुस्लिम समुदायों को बांटने के एजेंडों पर काम कर रही है।. केंद्र सरकार देश में तानाशाही रवैया अपनाकर काम कर रही है।
मुफ्ती ने कहा कि परिसीमन आयोग के मसौदे के मुद्दे पर 23 फरवरी को पीएजीडी (पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन) की बैठक में चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए पीडीपी हमेशा से ही संदिग्ध रही ह।. परिसीमन आयोग भाजपा का एजेंडा आगे बढ़ रहा है। परिसीमन आयोग का प्रस्ताव जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र पर एक और हमला है।
उन्होंने कहा कि भाजपा अपने निर्वाचन क्षेत्रों को मजबूत करना चाहती है। उनका मकसद बहुसंख्यक समुदायों को शक्तिहीन करना है। अनंतनाग संसदीय सीट को जम्मू क्षेत्र में मिलाने से उनके मतदाता अप्रसांगिक हो गए हैं। जब सर्दियों में छह महीने सड़क बंद रहती है तो कोई सांसद राजौरी या चिनाब वैली कैसे पहुंचेगा?
उन्होंने कहा कि घाटी में जो कोई सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करता है, उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है। अब पत्रकार फहद को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले सज्जाद गुल को गिरफ्तार किया गया था। मुझे यह भी पता चला है कि अन्य पत्रकारों के खिलाफ भी सरकार कार्रवाई करने जा रही है।