पीडीपी की मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर में अल्पसंख्यक लोगों की हत्याओं के मामले में बेगुनाहों को हिरासत में लिए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि सरकार बिना सबूतों के लोगों को गिरफ्तार कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह से गिरफ्तारी होती रही तो इसके नतीजे खतरनाक होंगे और इसकी कीमत सभी को चुकानी होगी।
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, “हालिया हत्याएं (कश्मीर में) दुखद हैं...यह सरकार की विफलता है। एक कवर-अप के रूप में, सरकार बिना सबूत के लोगों को गिरफ्तार कर रही है। अगर वे गिरफ्तार करते रहे तो नतीजे खतरनाक होंगे, इसकी कीमत सभी को चुकानी पड़ेगी।”
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करते हुए कहा, “जम्मू-कश्मीर प्रशासन को अल्पसंख्यकों पर हमले की पहले सूचना थी। फिर भी उन्होंने इन इनपुट्स को नज़रअंदाज़ किया। इसके बजाय वे केंद्रीय मंत्रियों को सुरक्षा प्रदान करने में व्यस्त थे, जिन्हें जम्मू-कश्मीर में तथाकथित सामान्य स्थिति के बीजेपी के प्रचार को बढ़ावा देने के लिए कश्मीर लाया गया था।"
मंगलवार को भद्रवाह दौरे पर पहुंचीं महबूबा मुफ्ती के बोल फिर बिगड़े। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रशासन ने कश्मीर में तूफान मचाया रखा है। जो मिलता है, उसे पकड़ कर जेल में डाल दिया जा रहा है। इस तरह से बेगुनाह लोगों को जेल में डालने के गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार इसे सुरक्षा में चूक क्यों नहीं मानती है। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की हत्याओं के लिए सुरक्षा में जो चूक हुई है, उसके लिए जम्मेदार लोगों को सजा दो। मामले की जांच करो। धरपक्कड़ करना गलत है। जवाबदेही तय की जाए। सात सौ से एक हजार लोगों को हिरासत में लिया गया है।