चुनाव के बाद गठबंधन की संभावनाओं पर रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा कि भाजपा ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। दो दिन पहले बिहार और यूपी में छात्रों के खिलाफ पुलिस बल का इस्तेमाल किया गया था। ऐसे माहौल में, वे कैसे सोच सकते हैं कि कोई उनके साथ हाथ मिलाएगा? उन्होंने कहा कि मैं कोई चवन्नी नहीं हूं, जो ऐसा करके पलट जाऊंगा. मैंने सोच समझकर फैसला लिया है।
जयंत चौधरी ने कहा कि 'गृहमंत्री ने मुझे कोई आफर नहीं दिया ये अब जोड़तोड़ की राजनीति करना चाहते हैं। बीजेपी के लोग सरकार में मलाई खाने के लिए है। चुनाव के बाद बीजेपी जाने की बात निराधार है, मैं दिशा बदलने वाला नहीं हूं। इस तरह का मेरा एक भी बयान नहीं है। ये सब निराधार बातें हैं।
गृह मंत्री अमित शाह की जाट नेताओं के साथ बुधवार को हुई बैठक को लेकर चौधरी ने कहा कि जब लखीमपुर में किसानों को रौंदा गया तो ये कहां थे और कल बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यूपीश की बहुत सारी समस्या है। हम सत्ता में भी आएंगे, तब भी सारी समस्या खत्म नहीं होगी। हमारी सरकार में नागरिकों के ऊपर लाठी नहीं चलेगी। आप सतर्क रहे, चंद दिन बाकी हैं। अपने बीच नफरत मत पलने देना।
रालोद नेता ने कहा कि मुजफ्फरनगर किसान के लिए क्रांति भूमि है। नफरत की प्रयोगशाला मुजफ्फरनगर के लोग नहीं बनने देंगे। एक आध जगहों पर टिकट मांगने वालों के बीच मायूसी रहती है लेकिन अब सब ठीक है जो लोग कोशिश कर रहे हैं देश की फिजा बिगाड़ने का हम मुजफ्फरनगर से ही भाईचारे का नारा देंगे। कैराना में हिन्दू पलायन का मुद्दा फर्जी है।'