खबर है कि जनता दल (यूनाइटेड) ने वरिष्ठ नेता शरद यादव को राज्यसभा में संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया है। शरद यादव कई दिनों से नीतीश कुमार के भाजपा के पाले में जाने के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। इसेे देखते हुए शरद यादव के पार्टी छोड़ने या फिर उनके खिलाफ कार्रवाई की अटकलेें लगाई जा रही थीं। उनकी जगह नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले आरसीपी सिंह को राज्यसभा में जदयू संसदीय दल का नेता बनाया गया है। इस बदलाव के चलते राज्यसभा में शरद यादव आगे की सीट पर नजर नहीं आएंगे।
जदयू के नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा है कि शरद यादव को पार्टी से नहीं हटाया गया है, केवल केवल रिप्लेस किया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक, आज जदयू सांसदों ने राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति वेंकैैैैया नायडू से मुलाकात की और शरद यादव को राज्यसभा में संसदीय दल के नेता पद से हटाने का पत्र उन्हें सौंपा। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पिछले शरद यादव जिस तरह की बयानबाजी और व्यवहार कर रहे हैं, उससे सदन में पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा हो सकती थी। इसलिए उन्हें संसदीय दल के नेता पद से हटाने का फैसला लेना पड़ा।
फिलहाल इस बारे में जदयू की ओर से औपचारिक घोषणा का इंतजार है।
इससे पहले शुक्रवार को जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा था कि शरद यादव जहां भी चाहें, वहां जाने के लिए स्वत्रंंत हैंं। इससे पहले जिस तरह शरद यादव ने कांग्रेस के अहमद पटेल को राज्यसभा सीट जीतने की बधाई दी और अहमद पटेल ने उन्हें जदयू के वोट के लिए धन्यवाद दिया था, उससे शरद यादव के बागी तेवर जाहिर हो गए थे।
अली अनवर जदयू संसदीय दल से निलंबित
इससे पहले शुक्रवार को जदयू ने सोनिया गांधी की ओर से बुलाई विपक्ष की बैठक में हिस्सा शामिल होने वाले अपने सांसद अली अनवर को भी पार्टी के संसदीय दल से निलंबित कर दिया था। सबसे पहले अली अनवर ने ही नीतीश कुमार के महागठबंधन तोड़कर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने का विरोध किया था।