कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने आप नेता भगवंत मान को पंजाब के मुख्यमंत्री पद की कुर्सी भेंट की। यह दावा कांग्रेस नेता सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने शुक्रवार को किया। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल पहले नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब की कमान देना चाहते थे। लेकिन पूर्व क्रिकेटर ने अपनी पार्टी के साथ विश्वासघात ना करते हुए मुखिया की कुर्सी भगवंत मान को तोहफे में दी।
भगवंत मान और सिद्धू के बीच बयानबाजी के दौरान नवजोत कौर का दावा सामने आया है। ट्वीट की श्रंखला में कौर ने कहा, "मुख्यमंत्री भगवंत मान: आज मुझे कुछ छिपे हुए राज खोलने दीजिए। आपको पता होना चाहिए कि आपकी कुर्सी आपको आपके बड़े भाई नवजोत सिंह सिद्धू ने तोहफे के रूप में दी है। आपके अपने वरिष्ठ नेता की नवजोत को पंजाब का कप्तान बनाने की इच्छा थी।"
नवजोत कौर ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कई तरीकों से सिद्धू को इस कुर्सी को संभालने का आग्रह किया था। फरवरी 2022 में पंजाब में चुनाव हुए और आप की भारी जीत के बाद भगवंत मान मुख्यमंत्री बने। कौर ने कहा, " केजरीवाल ने हमारे राज्य के लिए उनके जुनून के बारे में जानते हुए विभिन्न चैनलों के माध्यम से पंजाब का नेतृत्व करने के लिए उनसे संपर्क किया।"
"सिर्फ इसलिए कि वह अपनी पार्टी के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहते थे और सोचते थे कि जब पंजाब के उत्थान की रणनीति की बात आती है तो दो मजबूत दिमाग वाले लोग आपस में भिड़ सकते हैं, उन्होंने आपको एक मौका दिया।" उन्होंने आगे कहा, "आप सत्य के मार्ग पर चलेंगे तो वह (सिद्धू) आपका समर्थन करेंगे लेकिन जिस क्षण आप विचलित होंगे वह आपको दाएं और बाएं निशाना बनाएंगे। स्वर्णिम पंजाब राज्य उनका सपना है और वह इसे 24 घंटे जीते हैं।"
मान ने रविवार को जालंधर में एक पंजाबी दैनिक के संपादक के समर्थन में इकट्ठा होने पर विपक्षी पार्टियों पर हमला बोला था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नवजोत सिद्धू ने कहा था, "दिल्ली के इशारे पर लोकतंत्र को चौकसी की व्यवस्था बनाने वाले, रिमोट कंट्रोल से पंजाब को मोहरे की तरह चलाने वाले' अब नैतिक व्याख्यान दे रहे हैं।"
गौरतलब है कि पार्टी लाइन से हटकर कई नेता एक जून को जालंधर में पंजाबी समाचार पत्र 'अजीत' के प्रधान संपादक बरजिंदर सिंह हमदर्द के पीछे रैली करने के लिए उसके कार्यालय में एकत्र हुए थे। विदित हो कि बरजिंदर सिंह, जालंधर में 315 करोड़ रुपये के जंग-ए-आजादी स्मारक के निर्माण में धन के कथित दुरुपयोग को लेकर सतर्कता ब्यूरो जांच के दायरे में है।