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जेडीएस-भाजपा के गठजोड़ पर सहमति के देवेगौड़ा के दावे को विजयन ने खारिज किया, केरल में राजनीतिक विवाद

जनता दल(सेक्यूलर) अध्यक्ष एच डी देवेगौड़ा के एक दिन पहले दिए गए इस बयान पर केरल में राजनीतिक विवाद खड़ा...
जेडीएस-भाजपा के गठजोड़ पर सहमति के देवेगौड़ा के दावे को विजयन ने खारिज किया, केरल में राजनीतिक विवाद

जनता दल(सेक्यूलर) अध्यक्ष एच डी देवेगौड़ा के एक दिन पहले दिए गए इस बयान पर केरल में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ उनकी पार्टी के गठबंधन का समर्थन किया है।

केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने शुक्रवार को जेडी (एस) अध्यक्ष एच डी देवेगौड़ा के इस दावे को निराधार और झूठा बताकर खारिज कर दिया।

देवेगौड़ा ने दावा किया था कि विजयन ने जेडी (एस) के क्षेत्रीय हितों की रक्षा के लिहाज से कर्नाटक में उसे भाजपा के साथ गठबंधन की मंजूरी दे दी थी। इस दावे के कुछ घंटे बाद जारी बयान में केरल के मुख्यमंत्री ने आज पूर्व प्रधानमंत्री से अपना बयान सुधारने को कहा।

विजयन ने कड़े शब्दों में कहा कि जेडी (एस) की प्रदेश इकाई ने साफ किया था कि वे भाजपा के साथ गठबंधन के पूरी तरह खिलाफ हैं और वे केरल में वाम मोर्चा के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘देवेगौड़ा भाजपा के साथ पहली बार हाथ नहीं मिला रहे हैं। हम सभी को 2006 याद है जब जेडीएस ने भाजपा के साथ हाथ मिलाया था। उन्होंने अपनी विचारधारा को छोड़ दिया था और अपने बेटे को मंत्री पद दिलाने के लिए भाजपा से हाथ मिला लिया।’’

विजयन ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा जिसने आरोप लगाया है कि माकपा और भाजपा के बीच तार जुड़े हैं। जेडी (एस) अध्यक्ष के बयान के बाद केरल में उठे राजनीतिक विवाद के बीच विपक्षी कांग्रेस ने आरोप लगाया कि देवेगौड़ा के खुलासे ने साबित कर दिया है कि केरल में सत्तारूढ़ माकपा और भाजपा के बीच अंदरखाने सांठगांठ है। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन ने यह आरोप लगाया।

देवेगौड़ा ने कल दावा किया था कि उनकी पार्टी की केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र समेत सभी प्रदेश इकाइयों ने भाजपा के साथ गठबंधन की सहमति दे दी है और विजयन भी इससे सहमत थे। सतीशन ने आज आरोप लगाया कि विजयन, वाम दल और भाजपा के बीच संबंध खुले में सामने आ गये हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हमने पहले भी यह आरोप लगाया था। एक पार्टी जो राजग का हिस्सा है, वह केरल में पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली वामपंथी सरकार के राज्य मंत्रिमंडल का भी हिस्सा है। अब जब देवेगौड़ा ने खुलासा कर दिया है तो साफ हो गया है कि भाजपा ने ही दोनों पार्टियों को जोड़ा है।’’

इस बीच केरल कांग्रेस अध्यक्ष के सुधाकरन ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि देवेगोड़ा का बयान इस बात की स्पष्ट तस्वीर पेश करता है कि पिनराई विजयन अनेक मामलों से खुद को बचाने के लिए भाजपा के सामने झुक गये हैं।

सुधाकरन ने एक बयान में कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को इस बयान से संबंधित ब्योरा सार्वजनिक करना चाहिए। अगर पूर्व प्रधानमंत्री का बयान झूठा है, तो उनके खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए।’’

जेडी (एस) की केरल इकाई के नेता और राज्य सरकार में मंत्री के. कृष्णनकुट्टी ने देवेगौड़ा के बयान का पुरजोर खंडन किया। भाजपा के साथ पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के जुड़ाव का विरोध करते हुए, कृष्णनकुट्टी ने कहा, ‘‘मैंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक मैथ्यू टी थॉमस के साथ उनसे (देवेगौड़ा) मुलाकात की तथा उन्हें भाजपा में शामिल होने पर हमारी आपत्ति के बारे में बताया। पार्टी की प्रदेश इकाई केरल में वाम दल के साथ मजबूती से खड़े रहने के अपने पूर्व के फैसले पर कायम है।’’

थॉमस ने मीडियाकर्मियों से कहा कि देवेगौड़ा का इस तरह का बयान केरल की राजनीति में गलतफहमियां पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि यह गलती उनकी तरफ से की गयी या उनकी उम्र की वजह से हुई। पिनराई विजयन को इसमें हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है। मुझे लगता है कि विजयन ने सालों से देवेगौड़ा से बात नहीं की है। देवेगौड़ा का बयान निराधार है और हम उसकी स्पष्ट शब्दों में निंदा करते हैं।’’

थॉमस ने कहा कि भाजपा नीत गठबंधन में शामिल होने के संबंध में पार्टी के किसी मंच पर विचार-विमर्श नहीं किया गया।

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