महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने बुधवार को यह कहते हुए कि "प्रशासन पूरी तरह ठप हो गया है", राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार को बर्खास्त कर, राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ दल मंत्री पद और विभागों को लेकर आपस में लड़ रहे थे।
पटोले ने कहा, "सरकार हर मोर्चे पर विफल है, किसान रोज आत्महत्या कर रहे हैं, महंगाई बढ़ रही है।” उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को बेमौसमी बारिश के बाद भी कोई सहायता नहीं मिल रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा, "विभागों और मंत्री पदों को लेकर मारामारी मची हुई है। इसे देखते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए और राज्य सरकार को बर्खास्त किया जाना चाहिए।"
पटोले ने कहा, "राज्य में स्थिति यह है कि प्रशासन का काम पूरी तरह से ठप हो गया है। बता दें कि वर्तमान में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना और अजीत पवार के नेतृत्व वाला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का गुट राज्य में सत्ता साझा करता है।
हाल में एक चौंकाने वाले मोड़ में, अजीत पवार और छगन भुजबल, 6 साथी एनसीपी विधायकों के साथ, 3 जुलाई को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए। अजित पवार और छगन भुजबल के साथ दिलीप पाटिल, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडो, धर्मरावबाबा अत्राम, अदिति तटकरे, संजय बंसोडे और अनिल पाटिल ने महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने का फैसला किया।
जहां अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो वहीं, उनके साथी नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। इसके बाद से ही विपक्ष के दल और नेता शिंदे सरकार और उनके सहयोगी दलों पर निशाना साध रहे हैं।