महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के साल भर बाद भी उथल पुथल मची हुई है। शीर्ष न्यायालय ने हाल में कहा था कि राज्यपाल द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को फ्लोर टेस्ट के लिए आमंत्रित करना तब उचित नहीं था। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि ठाकरे को बिना फ्लोर टेस्ट के इस्तीफा नहीं देना चाहिए था। बहरहाल, कोर्ट की सुनवाई के बाद से ही ठाकरे गुट लगातार 16 विधायकों की योग्यता पर जल्द निर्णय लेने की मांग कर रहा है। वहीं, अब एनसीपी नेता अजीत पवार ने कहा है कि यह सरकार नहीं गिरने वाली।
दरअसल, उद्धव ठाकरे और उनके गुट के नेता संजय राउत सहित कई अन्य नेताओं द्वारा यह कहा गया कि 16 विधायकों के अयोग्य घोषित होते ही "शिंदे और फडणवीस" सरकार गिर जाएगी। संजय राउत ने तो इस सरकार को गैर कानूनी नाम भी दे दिया। वहीं, एनसीपी के नेता अजीत पवार ने सोमवार को कहा, "यदि 16 विधायक अयोग्य घोषित कर भी दिए जाते हैं, तो भी शिंदे और फडणवीस की यह सरकार नहीं गिरेगी। सरकार को वर्तमान में भी किसी भी प्रकार का खतरा नहीं है।"
यह बयान शीर्ष न्यायालय की ताजा सुनवाई के बाद सामने आया है। बता दें कि विगत वर्ष महाराष्ट्र में पनपे राजनीतिक संकट के परिणामस्वरूप एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद ठाकरे के नेतृत्व वाली तीन-पक्षीय महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी। इसके बाद शिंदे ने भारतीय जनता पार्टी के साथ हाथ मिलाते हुए महाराष्ट्र में सरकार बनाई और वह खुद मुख्यमंत्री बने।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार को बहाल नहीं कर सकता है क्योंकि उन्होंने पिछले साल जून में फ्लोर टेस्ट का सामना किए बिना इस्तीफा दे दिया था। इस दौरान पीठ द्वारा अध्यक्ष से "उचित अवधि" के भीतर 16 विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय लेने को कहा गया है।