महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के सीनियर नेता नवाब मलिक ने कहा कि महाविकास आघाड़ी के तीनों दल कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी विधानसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेंगे। तीनों दल पहले भी केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ थे और अभी भी हम इसके खिलाफ हैं।
एनसीपी नेता ने कहा, “केंद्रीय कृषि कानूनों को महाविकास अघाड़ी के दलों का विरोध आज भी है। महाराष्ट्र कैबिनेट ने एक सब कमेटी का गठन किया था जिसमें कृषि मंत्री, उप मुख्यमंत्री, और अन्य मंत्री थे उन्होंने अन्य राज्यों ने केंद्र को क्या सुझाव दिए हैं उसका अभ्यास करके मसौदा तैयार किया।”
नवाब मलिक ने कहा, “वो मसौदा महाराष्ट्र के किसान संगठनों के सामने रखा जाएगा। उनसे सुझाव लिए जाएंगे। सहमति बनाने के बाद अगर महाराष्ट्र को कोई कानून बनाना होगा तो हम आगे बढ़ेंगे।” बता दें कि ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) की महाराष्ट्र इकाई ने शनिवार को राज्य सरकार से कहा कि केंद्र के तीनों नये कृषि कानूनों को रद्द करने के मुद्दे पर वह अपना स्टैंड साफ करे।
एआईकेएससीसी ने कहा कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने किसान आंदोलन को समर्थन जताया है और अब इन कानूनों के खिलाफ लड़ाई निर्णायक मोड़ पर आ गयी है, ऐसे में सरकार को राज्य विधानसभा में इन कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करके सख्त और स्पष्ट रुख अपनाने की जरूरत है।