महाराष्ट्र में सियासी घमासान जारी है। राज्य में राजनीतिक उठापटक के बीच अब मुख्यमंत्री उद्धव और बागी विधायकों के बीच वार-पलटवार शुरू हो गया है। उद्धव के फेसबुक लाइव के बाद गुरुवार को एकनाथ शिंदे ने एक चिट्टी शेयर की है। यह चिट्ठी संजय शिरसाट ने लिखी है, मगर इसमें सभी विधायकों की भावनाएं बताईं गई है। चिट्ठी में लिखा है- शिवसेना विधायकों के लिए आपका दरवाजा हमेशा बंद रहता था। आप इन विधायकों की सुनते नहीं थे। वहीं शिंदे हमेशा विधायकों की सुनते थे और आगे भी सुनेंगे।
बागी विधायक की एक चिट्ठी एकनाथ शिंदे ने जारी की है, जिसमें कई आरोप लगाए गए हैं। पत्र में यह कहा गया है कि आदित्य ठाकरे को आपने अयोध्या क्यों भेजा? बागी विधायक ने आगे कहा कि वर्षा बंगले पर सिर्फ कांग्रेस-एनसीपी का ही प्रवेश हो पाता था। हमारी परेशानियों को आपने कभी नहीं सुनी। हमें उद्धव के दफ्तर जाने का सौभाग्य नहीं मिला. हिन्दुत्व-राम मंदिर शिवसेना का मुद्दा था। हम उद्धव के सामने अपनी बातें नहीं रख पाते थे।
यहां पढ़ें पूरी चिट्ठी-
कल वर्षा बंगले के दरवाजे सचमुच जनता के लिए खोल दिए गए। बंगले पर भीड़ देखकर खुशी हुई। पिछले ढाई साल से शिवसेना विधायक के तौर पर हमारे लिए ये दरवाजे बंद थे। हमें ऐसे लोग चला रहे थे, जिन्हें लोगों ने नहीं चुना था। ये लोग विधान परिषद और राज्यसभा के माध्यम से आये थे। तथाकथित (चाणक्य लिपिक) बडवे हमें हराने और राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव की रणनीति तय करने का काम कर रहे थे। इसका परिणाम सिर्फ महाराष्ट्र ने देखा है।
शिवसेना विधायक के रूप में हमें वर्षा बंगले तक सीधी पहुंच नहीं मिली। मुख्यमंत्री मंत्रालय की छठी मंजिल पर सभी से मिलते हैं, लेकिन हमारे लिए कोई जगह ही नहीं थी, क्योंकि आप कभी मंत्रालय ही नहीं गए। कई बार निर्वाचन क्षेत्र के काम, अन्य मुद्दों, व्यक्तिगत समस्याओं के लिए सीएम साहब से मिलने का अनुरोध करने के बाद हमें बुलाया जाता और बंगले के गेट पर घंटों खड़ा रखा जाता। मैंने कई बार सीएम को फोन किया पर फोन रिसीव नहीं होता था। आखिरकार हम ऊब जाते और चले जाते। हमारा सवाल यह है कि अपने ही विधायकों के साथ ऐसा अपमानजनक व्यवहार क्यों? ऐसे विधायकों से इस तरह का व्यवहार जिन्हें तीन-चार लाख मतदाता चुनते हैं?
महाराष्ट्र में सियासी घमासान जारी है। राज्य में राजनीतिक उठापटक के बीच अब मुख्यमंत्री उद्धव और बागी विधायकों के बीच वार-पलटवार शुरू हो गया है। उद्धव के फेसबुक लाइव के बाद गुरुवार को एकनाथ शिंदे ने एक चिट्टी शेयर की है। यह चिट्ठी संजय शिरसाट ने लिखी है, मगर इसमें सभी विधायकों की भावनाएं बताईं गई है। चिट्ठी में लिखा है- शिवसेना विधायकों के लिए आपका दरवाजा हमेशा बंद रहता था। आप इन विधायकों की सुनते नहीं थे। वहीं शिंदे हमेशा विधायकों की सुनते थे और आगे भी सुनेंगे।
बागी विधायक की एक चिट्ठी एकनाथ शिंदे ने जारी की है, जिसमें कई आरोप लगाए गए हैं। पत्र में यह कहा गया है कि आदित्य ठाकरे को आपने अयोध्या क्यों भेजा? बागी विधायक ने आगे कहा कि वर्षा बंगले पर सिर्फ कांग्रेस-एनसीपी का ही प्रवेश हो पाता था। हमारी परेशानियों को आपने कभी नहीं सुनी। हमें उद्धव के दफ्तर जाने का सौभाग्य नहीं मिला. हिन्दुत्व-राम मंदिर शिवसेना का मुद्दा था। हम उद्धव के सामने अपनी बातें नहीं रख पाते थे।
यहां पढ़ें पूरी चिट्ठी-
कल वर्षा बंगले के दरवाजे सचमुच जनता के लिए खोल दिए गए। बंगले पर भीड़ देखकर खुशी हुई। पिछले ढाई साल से शिवसेना विधायक के तौर पर हमारे लिए ये दरवाजे बंद थे। हमें ऐसे लोग चला रहे थे, जिन्हें लोगों ने नहीं चुना था। ये लोग विधान परिषद और राज्यसभा के माध्यम से आये थे।
तथाकथित (चाणक्य लिपिक) बडवे हमें हराने और राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव की रणनीति तय करने का काम कर रहे थे। इसका परिणाम सिर्फ महाराष्ट्र ने देखा है।
शिवसेना विधायक के रूप में हमें वर्षा बंगले तक सीधी पहुंच नहीं मिली। मुख्यमंत्री मंत्रालय की छठी मंजिल पर सभी से मिलते हैं, लेकिन हमारे लिए कोई जगह ही नहीं थी, क्योंकि आप कभी मंत्रालय ही नहीं गए। कई बार निर्वाचन क्षेत्र के काम, अन्य मुद्दों, व्यक्तिगत समस्याओं के लिए सीएम साहब से मिलने का अनुरोध करने के बाद हमें बुलाया जाता और बंगले के गेट पर घंटों खड़ा रखा जाता। मैंने कई बार सीएम को फोन किया पर फोन रिसीव नहीं होता था। आखिरकार हम ऊब जाते और चले जाते। हमारा सवाल यह है कि अपने ही विधायकों के साथ ऐसा अपमानजनक व्यवहार क्यों? ऐसे विधायकों से इस तरह का व्यवहार जिन्हें तीन-चार लाख मतदाता चुनते हैं?
महाराष्ट्र में सियासी हलचल मचाने वाले शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के तेवर अभी भी नरम नहीं हुए हैं। 37 से अधिक पार्टी विधायकों के समर्थन मिलने का दावा कर वे दलबदल विरोधी कानून को भी चुनौती देने के लिए तैयार हैं। इन सब के बीच बुधवार देर रात जहां शिवसेना के चार और बागी विधायक गुवाहाटी पहुंचे तो वहीं आज सुबह भी तीन और विधायक गुवाहाटी पहुंच गए। इससे पहले बुधवार शाम को ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों को संबोधित किया और देर रात सरकारी आवास छोड़कर मातोश्री पहुंच गए।
बता दें कि महाराष्ट्र में सियासी हलचल मचाने वाले शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के तेवर अभी भी नरम नहीं हुए हैं। 37 से अधिक पार्टी विधायकों के समर्थन मिलने का दावा कर वे दलबदल विरोधी कानून को भी चुनौती देने के लिए तैयार हैं। इन सब के बीच बुधवार देर रात जहां शिवसेना के चार और बागी विधायक गुवाहाटी पहुंचे तो वहीं आज सुबह भी तीन और विधायक गुवाहाटी पहुंच गए। इससे पहले बुधवार शाम को ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों को संबोधित किया और देर रात सरकारी आवास छोड़कर मातोश्री पहुंच गए।