पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी की उस टिप्पणी की निंदा की जिसमें विपक्ष के नेता ने एक दिन पहले कहा था कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में आती है तो तृणमूल कांग्रेस के मुस्लिम विधायकों को पश्चिम बंगाल विधानसभा से बाहर कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने पार्टी पर राज्य में ‘‘फर्जी हिंदुत्व’’ लाने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा लोगों के अधिकारों का हनन कर रही है।
विधानसभा में इस मुद्दे पर बनर्जी ने कहा, ‘‘आपके आयातित हिंदू धर्म को हमारे प्राचीन वेदों या हमारे संतों का समर्थन नहीं है। आप नागरिक के तौर पर मुस्लिमों के अधिकार को कैसे नकार सकते हैं? यह फर्जीवाड़ा नहीं तो और क्या है? आप फर्जी हिंदुत्व लेकर आए हैं।’’
बनर्जी की यह टिप्पणी अधिकारी के उस बयान के जवाब में आई जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के मुस्लिम विधायकों को विधानसभा से ‘‘बाहर कर दिया जाएगा’’।
बनर्जी ने अल्पसंख्यकों के साथ भाजपा के बर्ताव को लेकर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे हिंदू धर्म की रक्षा करने का अधिकार है लेकिन यह आपके तरीके से नहीं होगा। कृपया ‘हिंदू कार्ड’ नहीं खेलें।’’
उनकी टिप्पणी अधिकारी के इस बयान के जवाब में थी कि तृणमूल कांग्रेस को हिंदू आबादी सत्ता से बाहर कर देगी। इस टिप्पणी को मुख्यमंत्री ने भेदभावपूर्ण कहा। मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी के नेताओं की आलोचना करने के लिए भाजपा पर भी पलटवार किया।
भाजपा विधायक की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं आपके नेताओं के बयानों पर टिप्पणी नहीं कर सकती, तो आप सदन के बाहर हमारे नेताओं की टिप्पणियों पर कैसे टिप्पणी कर सकते हैं? हमें अपनी मान्यताओं का बचाव करने का अधिकार है।’’
बनर्जी ने इस अवसर पर यह भी स्पष्ट किया कि तृणमूल कांग्रेस ने फरहाद हाकिम, हुमायूं कबीर और मदन मित्रा सहित पार्टी के कुछ सदस्यों को ऐसी टिप्पणियां नहीं करने की सलाह दी है, जिन्हें अनुचित माना जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘यह हमारी पार्टी का आंतरिक मामला है।’’
एकता के महत्व के बारे में बनर्जी ने कहा, ‘‘हम एक धर्मनिरपेक्ष, बहुलवादी राष्ट्र हैं। हर किसी को अपने अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। बहुसंख्यकों का कर्तव्य अल्पसंख्यकों की रक्षा करना है। हमें अपने देश की संप्रभुता और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा करनी चाहिए।’’
अपने संबोधन में बनर्जी ने जोर देकर कहा कि तृणमूल कांग्रेस सभी धर्मों का सम्मान करती है और शांति एवं सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने धर्मनिरपेक्षता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा, ‘‘मैं सभी धर्मों से प्यार करती हूं और हम किसी भी राजनीतिक दल द्वारा किसी भी समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने के प्रयासों की निंदा करते हैं।’’
बनर्जी ने भाजपा पर विधानसभा में व्यवधान पैदा करने की कोशिश का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया, ‘‘भाजपा ने सदन में हंगामा करने की योजना बनाई थी।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया और विरोध स्वरूप कागज फाड़ दिए। उन्होंने विधायी प्रक्रिया के सम्मान का आह्वान किया, सदस्यों से एक-दूसरे की बात सुनने और सदन की गरिमा बनाए रखने का आग्रह किया।
बनर्जी ने कहा, ‘‘यह सदन सभी का है। कार्यवाही के दौरान लोकतांत्रिक मूल्यों और आपसी सम्मान का ध्यान रखना चाहिए।’’
मुख्यमंत्री ने राज्य की जनसांख्यिकीय विविधता पर भी प्रकाश डाला, जिसमें उल्लेख किया गया कि 23 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय की है और 33 प्रतिशत मुस्लिम आबादी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें सभी समुदायों की रक्षा करनी चाहिए। मानवीय मूल्य धार्मिक सीमाओं से ऊपर हैं।’’