चक्रवाती तूफान यास को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार ने प्रभावित राज्यों को मदद का जो वादा किया है, उसमें बंगाल के साथ भेदभाव किया गया है। उन्होंने कहा कि गृहमंत्रालय ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश को राहत कार्यों के लिए 600 करोड़ रुपए अग्रिम राशि देने का वादा किया है, लेकिन बंगाल को केवल 400 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
अमित शाह से बैठक के बाद ममता बनर्जी ने कहा, “बैठक में मैंने जानना चाहा कि जनसंख्या घनत्व और जिलों के मामले में ओडिशा और आंध्र से बड़े राज्य बंगाल को कम पैसा क्यों दिया जा रहा है? हमें लगातार वंचित क्यों रखा जा रहा है?” उन्होंने कहा, “ओडिशा और आंध्र प्रदेश से मेरे अच्छे संबंध हैं. केंद्र उन्हें क्या दे रहा है इससे मुझे कोई समस्या नहीं. लेकिन क्या आप उत्तर प्रदेश की तुलना पुडुचेरी से कर सकते हैं? यह जनसंख्या घनत्व, इतिहास, भूगोल और सीमाओं पर निर्भर करता है।”
इसे भेदभाव बताते हुए राज्य में की गई तैयारियों का ब्योरा भी ममता ने दिया है। 4000 साइक्लोन शेल्टर्स तैयार हैं, 10 लाख लोगों को बाहर निकाला जाएगा। 51 डिजास्टर मैनेजमेंट टीम, 1000 इलेक्ट्रिसिटी और 400 मोबाइल नेटवर्क बहाली टीमें गठित की गई हैं। 20 जिले बहुत अधिक प्रभावित होंगे।
बनर्जी ने शाह की आलोचना करते हुए कहा, “गृह मंत्री ने मुझे बताया कि इस मसले पर बाद में चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर निर्भर करता है। मैंने इस पर कोई जवाब नहीं दिया क्योंकि मुझे राजनीति विज्ञान की समझ है लेकिन इस विषय की नहीं।” ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने इससे पहले 2019 में बुलबुल और उसके बाद अम्फान चक्रवात के समय भी पश्चिम बंगाल की सहायता नहीं की थी।