मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ के अध्यक्ष तथा तीन सदस्यों के खिलाफ राज्य में स्थिति और बिगाड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार ने उक्त लोगों के खिलाफ़ प्राथमिकी दर्ज करा दी है।
मणिपुर के मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन सदस्यों - सीमा गुहा, भारत भूषण और संजय कपूर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि एडिटर्स गिल्ड ने अभी तक अपने सदस्यों के खिलाफ दायर एफआईआर पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।
सीएम बीरेन सिंह ने प्रेस वार्ता में कहा, ''मैं एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों को चेतावनी देता हूं, इनका गठन किसने किया? अगर आप कुछ करना चाहते हैं तो मौके पर जाएं, जमीनी हकीकत देखें, सभी समुदायों के प्रतिनिधियों से मिलें और फिर जो पाया उसे प्रकाशित करें। अन्यथा, केवल कुछ वर्गों की बैठक करके किसी निष्कर्ष पर पहुंचना अत्यधिक निंदनीय है।"
सीएम ने कहा, "राज्य सरकार ने एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है जो मणिपुर राज्य में और अधिक झड़पें पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।"
गौरतलब है कि 2 सितंबर को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने 'मणिपुर में जातीय हिंसा' पर अपने 'तथ्य-खोज मिशन' की एक रिपोर्ट जारी की थी। एडिटर्स गिल्ड ने हाल में दावा किया था कि मणिपुर में जातीय हिंसा पर मीडिया में आयी खबरें एकतरफा हैं। इसके साथ ही उसने राज्य नेतृत्व पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया था।
गिल्ड ने X पर पोस्ट पर दावा किया था, "इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि संघर्ष के दौरान राज्य का नेतृत्व पक्षपातपूर्ण हो गया। उसे जातीय संघर्ष में पक्ष लेने से बचना चाहिए था लेकिन एक लोकतांत्रिक सरकार के रूप में अपने कर्तव्य को निभाने में नेतृत्व विफल रहा।"
शुक्रवार को असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर ने कहा था, "अतीत के विपरीत, मणिपुर में इस समय जातीय झड़पों के कारण "अभूतपूर्व" स्थिति देखी जा रही है, क्योंकि दोनों समुदायों के पास बड़ी संख्या में हथियार हैं, जो राज्य को पहले से अधिक मुश्किल में डाल रहे हैं।"
विदित हो कि पिछले तीन महीने से अधिक समय से पूरे राज्य में हिंसा फैली हुई थी और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए केंद्र सरकार को अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा था।