चुनाव आते ही अब नेताओं में दलबदल का दौर शुरू हो चुका है। नेता अपनी सुविधानुसार एक दल छोड़कर दूसरे दल का दामन थाम रहें हैं। इस कड़ी में कांग्रेस के कई नेताओं ने आज भाजपा में अपनी सदस्यता ली है। इसमें पूर्व कांग्रेस मंत्री राम गोपाल बैरवा और पूर्व विधायक अशोक तनवार भी शामिल है। वहीं भाजपा ने इसे अपनी सफलता मानते हुए कहा कि नेताओं ने सिर्फ बीजेपी ही नहीं बल्कि देश और दुनिया के जाने माने नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अपना विश्वास जताया है। हम इन सब का स्वागत और अभिनंदन करतें हैं।
चुनाव आते ही सभी पार्टियां वोटरों को लुभाने के लिए अपने वादों के पिटारे खोल रहीं हैं। पार्टियां वोटरों को अपने पाले में खींचने के लिए कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ रहीं है। इस बीच कांग्रेस की सरकार ने अपनी "गृह लक्ष्मी गारंटी" के तहत पश्चिमी राज्य में परिवारों की महिला मुखियाओं को ₹10,000 का वार्षिक सम्मान देने का वादा किया है। इसके अलावा, अशोक गहलोत सरकार ने राजस्थान में दोबारा चुने जाने पर 1.05 करोड़ परिवारों को ₹500 से रसोई गैस सिलेंडर देने का वादा किया।
महिला-केंद्रित योजनाओं के अलावा, राजस्थान कांग्रेस ने अन्य गारंटी की भी घोषणा की है जैसे पुरानी पेंशन योजना पर कानून, गाय का गोबर खरीदना और सरकारी कॉलेज के छात्रों को दोबारा चुने जाने पर लैपटॉप या टैबलेट प्रदान करना। गहलोत ने अंग्रेजी माध्यम में स्कूली शिक्षा, 'गोधन योजना' के तहत ₹2 प्रति किलोग्राम पर गाय का गोबर खरीदने और प्राकृतिक आपदाओं में नुकसान के लिए ₹15 लाख बीमा कवर का वादा भी किया।
2018 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने 99 सीटें जीतीं थी। जबकि भाजपा ने 200 सदस्यीय सदन में 73 सीटें जीतीं। अशोक गहलोत बसपा विधायकों और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सत्ता में आए।राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होगा, जिसकी गिनती चार अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों के साथ 5 दिसंबर को होगी।