बहुजन समाजवादी प्रमुख मायावाती ने प्रदेश की योगी सरकार और आरएसएस प्रमुख मोहन भगवत पर करारा हमला बोला है। उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर भी निशाना साधते हुए सवाल किया कि मोहन भागवत को राष्ट्रपिता कहने से मुसलमानों की स्थिति में क्या परिवर्तन आयेगा।
इलियासी के इस बयान के बाद मायावती ने शुक्रवार को आरएसएस चीफ पर निशाना साधते हुए कहा, "आरएसएस प्रमुख श्री मोहन भागवत द्वारा कल दिल्ली स्थित मस्जिद/मदरसे में जाकर उलेमाओं से मुलाकात करने और फिर उनसे अपने आपको ’राष्ट्रपिता’ व ‘राष्ट्र ऋषि’ कहलवाने के बाद क्या बीजेपी व इनकी सरकारों का मुस्लिम समाज व उनके मस्जिद-मदरसों के प्रति नकारात्मक रुख व बर्ताव में बदलाव आएगा?"
एक अन्य ट्वीट में मायवती ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार निशाना साधते हुए कहा, "यूपी सरकार खुली जगह में कुछ मिनट की अकेले में नमाज पढ़ने की मजबूरी को भी सहन नहीं कर पा रही है तथा सरकारी मदरसों की उपेक्षा करते हुए निजी मदरसों में भी हस्तक्षेप पर उतारू है, किन्तु आरएसएस प्रमुख की इस बारे में गहरी चुप्पी के क्या मायने निकल रहे हैं इस पर भी वे जरूर गौर करें।"
1.आरएसएस प्रमुख श्री मोहन भागवत द्वारा कल दिल्ली स्थित मस्जिद/मदरसे में जाकर उलेमाओं से मुलाकात करने और फिर उनसे अपने आपको ’राष्ट्रपिता’ व ’राष्ट्र ऋषि’ कहलवाने के बाद क्या बीजेपी व इनकी सरकारों का मुस्लिम समाज व उनके मस्जिद-मदरसों के प्रति नकारात्मक रुख व बर्ताव में बदलाव आएगा?
— Mayawati (@Mayawati) September 23, 2022
गौरतलब हो की गुरूवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दिल्ली में आल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख इमाम ‘उमर अहमद इलियासी’ से मुलाकात की थी। जिसके बाद इलियासी ने मोहन भागवत को राष्ट्रपिता बताया था।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अब विपक्षी दल बीजेपी सरकार और आरएसएस प्रमुख को घेरने में लगे हुए हैं। पहले इस मुद्दे पर कांग्रेस ने भी बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। हालांकि अभी तक आरएसएस की ओर से कोई बयान नहीं दिया गया है।