तीनों कृषि कानूनों के वापस लेने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में खासी चर्चा है। देशभर से विपक्षी पार्टियां इस फैसले का तो स्वागत कर रही है लेकिन नीयत पर सवाल खड़ा कर रही है। इस बीच जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी फैसले का स्वागत किया है। साथ ही बीजेपी को जम्मू कश्मीर पर धारा 370 फिर से बहाल करने और फैसला वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों में चुनाव होने वाले हैं इसीलिए कानून वापस लिए गए हैं।
पीडीपी नेता कहा कि भाजपा ने यह फैसला मजबूरी में लिया है। भाजपा को डर है कि कहीं आगामी विधानसभा चुनाव में हार ना जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा से झूठ बोलकर लोगों को गुमराह करती है और उसके बाद इसका फायदा उठाने का काम करती है। भाजपा का सिर्फ एक ही मकसद होता है कि अपने वोट बैंक को किसी भी तरह कैसे साधा जाए।
एक बार फिरनमहबूबा मुफ्ती ने कश्मीर से धारा 370 हटाने की मांग दोहराते हुए कहा कि जिस तरह कृषि कानून वापस लिए गए हैं। वैसे ही कश्मीर में भी धारा 370 बहाल की जानी चाहिए। जम्मू कश्मीर के लोगों की ताकत ही उस राज्य को मिली विशेष दर्जा है। अब जल्द ही कश्मीर से भी एक ऐसा आंदोलन उठेगा जो दिल्ली में बैठी केंदार सरकार की नींव हिला देगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब यहां भी गलती को सुधारा जाएगा और अगस्त 2019 में हुए फैसलों को बदला जाएगा।
पीडीपी प्रमुख इस समय हाउस अरेस्ट में चल रही हैं। उन पर घाटी में माहौल खराब करने का आरोप है। जब से जम्मू-कश्मीर में सेना ने आतंकियों का सफाया करना शुरू किया है, मुफ्ती ने केंद्र पर अपना हमला तेज किया है। एक बयान में तो उन्होंने यहां तक कह दिया कि कह नहीं सकते कि इन एनकाउंटर में आतंकी मारे भी जा रहे हैं या नहीं।