Advertisement

कोरोना से लड़ने में फेल मोदी सरकार, चाहती थी 1.37 अरब लोग अपनी नागरिकता साबित करें- ओवैसी

कोरोना संकट के बीच ऑक्सीजन और अन्य सुविधाओं की किल्लत को लेकर केंद्र सरकार आलोचनाओं से चौतरफा घिरी...
कोरोना से लड़ने में फेल मोदी सरकार, चाहती थी 1.37 अरब लोग अपनी नागरिकता साबित करें- ओवैसी

कोरोना संकट के बीच ऑक्सीजन और अन्य सुविधाओं की किल्लत को लेकर केंद्र सरकार आलोचनाओं से चौतरफा घिरी हुई है। विपक्ष भी सरकार को लगातार कटघरे में खड़ा कर रहा है। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार को घेरा है। ओवैसी ने कहा है कि सरकार कोरोना से लड़ने में फेल हो रही है और मोतौं का आंकड़ा छिपा रही है।

ओवैसी ने ट्वीट में कहा, “जो सरकार सौ ऑक्सीजन प्लांट भी नहीं लगा सकी वो चाहती थी कि 1.37 अरब लोग अपनी नागरिकता साबित करें।” ओवैसी का इशारा नागरिकता कानून (सीएए) की तरफ है।

उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था, “मोदी ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे वह अभी प्रधानमंत्री बने हैं और पिछले सप्ताह से पहले उनके पास कोई शक्ति नहीं है। यह "क्लोज को-ऑर्डिनेशन" महीनों पहले हो सकता था लेकिन आज भी पूरे भारत में दवा और वैक्सीन की कमी है। उन्होंने इस संकट से निपटने के हर पहलू को उलझा दिया है।”

एक और ट्वीट में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था, “हुकूमत की ना-अहली हमें क़ब्रिस्तान और शमशान में दिख रही है। हुकूमत की नाकामी मरने वालों के आहों और सिसकियों में नज़र आ रही है।” उन्होंने कहा कि  जब तक हम भारतीय आबादी का टीकाकरण नहीं कर लेते, जो सभी विशेषज्ञ हमें बता रहे हैं, आप जान नहीं बचा सकते। ऐसा करने के लिए मोदी सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर महीने 300 मिलियन टीकाकरण की डोज दी जाए और लोगों को टीका लगाया जाए, वे इसमें नाकाम रहे हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad