शशिकला ने उनके खिलाफ बोलने वाले पनीरसेल्वम को मंगलवार रात अन्नाद्रमुक कोषाध्यक्ष के पद से बर्खास्त कर दिया था। पनीरसेल्वम ने कहा कि उन्हें :शशिकला: जयललिता के निधन के बाद असाधारण परिस्थितियों में पार्टी का महासचिव बनाया गया।
उन्होंने कहा कि स्थायी महासचिव चुनने के लिए जल्द ही चुनाव कराए जाएंगे। पनीरसेल्वम ने आक्रामक रख अपनाते हुए कहा कि उन्हें मिलने वाले समर्थन का पता राज्य विधानसभा में चल जाएगा। पनीरसेल्वम ने कहा, आवश्यकता पड़ने पर मैं अपना इस्तीफा वापस ले लूंगा।
इस दौरान पनीरसेल्वम के साथ पांडियन, पार्टी के राज्यसभा सांसद मैत्रोयन और वी सी अरूकुट्टी समेत कई नेता मौजूद थे। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि जयललिता के 75 दिन अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान वह एक बार भी उनसे नहीं मिल सके। उन्होंने कहा कि दिवंगत नेता के निधन एवं उनके स्वास्थ्य संबंधी संदेहों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश के नेतृत्व में जांच आयोग गठित करने की सिफारिश करेंगे।
उन्होंने कहा कि वह गली-गली में जाकर लोगों से मिलेंगे। उन्होंने जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार के साथ मिलकर काम करने के विचार का भी स्वागत किया। गौरतलब है कि दीपा भी शशिकला को मुख्यमंत्री बनाए जाने के विरोध में हैं।
पनीरसेल्वम ने शशिकला के उस आरोप से भी इनकार किया जिसमें उन्होंने कहा था पार्टी नेतृत्व के खिलाफ उनके विद्रोह के पीछे द्रमुक का हाथ है। पनीरसेल्वम ने कहा कि उन्हें कोषाध्यक्ष पद से हटाने का शशिकला को कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा, उनसे पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने जो आरोप लगाया है उसका आधार क्या है। द्रमुक के साथ मेरे संबंध कभी भी मधुर नहीं रहे। इतिहास पर गौर करने पर यह स्पष्ट हो जाता है।
पनीरसेल्वम ने कहा, मेरे और द्रमुक के बीच कोई संबंध नहीं है। जब कोई आपकी ओर देखकर मुस्कुराए तो बदले में मुस्कुराना एक मानवीय तरीका है। पशुओं और इंसानों में यही तो अंतर है।
मंगलवार रात शशिकला ने पनीरसेल्वम और द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन के एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराने पर सवाल उठाया था। हाल के सत्र में स्टालिन विधानसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका में थे। भाषा