एनसीपी खेमे के विधायक, पार्टी चीफ शरद पवार के पोते, रोहित पवार ने सोमवार को दावा किया कि वरिष्ठ नेताओं को पार्टी को तोड़ने के भाजपा के "इरादे" का अंदाज़ा था, लेकिन सत्तारूढ़ गठबंधन के साथ हाथ मिलाने के अजीत पवार के त्वरित कदम के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। पुणे में संवाददाताओं से बात करते हुए रोहित पवार ने कहा कि वह एनसीपी चीफ शरद पवार के साथ खड़े हैं।
गौरतलब है कि रविवार को अजीत पवार के नेतृत्व में एनसीपी के कई विधायक, नेता शिवसेना-भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए। अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। एकनाथ शिंदे-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में आठ एनसीपी नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
शरद पवार के बड़े भाई अप्पासाहेब पवार के पोते रोहित पवार ने कहा, ''हमें अजीत पवार के भाजपा के साथ हाथ मिलाने की कोई जानकारी नहीं थी। लेकिन बीजेपी एनसीपी को तोड़ने की फिराक में थी। हम इतना तो जानते थे। हालांकि, इन सभी घटनाक्रमों को देखते हुए, हमें आश्चर्य होता है कि क्या मेरे जैसे लोगों ने राजनीति में शामिल होकर गलती की है।"
अजीत पवार के इस कदम के बारे में पूछे जाने पर विधायक ने कहा कि वह उनके प्रति भावुक हैं क्योंकि वह उनके चाचा हैं। उन्होंने कहा, "उन्होंने (अजीत पवार) अपनी व्यक्तिगत क्षमता से भी मेरी मदद की है। हालांकि, राजनीतिक रूप से हम सभी पार्टी प्रमुख शरद पवार के साथ हैं।" रोहित पवार ने यह भी कहा कि अगर परीक्षण किया जाए तो शरद पवार को लोगों के नेता के रूप में अधिक स्वीकार्यता मिलेगी।
बता दें कि अजीत पवार सहित नौ एनसीपी नेताओं के एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के मद्देनजर, पार्टी प्रमुख शरद पवार ने घटनाक्रम और भविष्य पर चर्चा के लिए 5 जुलाई को मुंबई में एक बैठक बुलाई है। रोहित पवार ने कहा, “राज्य का संघर्ष और दृढ़ता का इतिहास रहा है। हम ऐसा करना जारी रखेंगे।”