पार्टी में नाराजगी की बात पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमारी पार्टी में कोई विवाद नहीं है। ललन सिंह का पार्टी से पुराना नाता है। सभी ने राष्ट्रीय पार्टी प्रमुख के रूप में उनकी नियुक्ति का समर्थन किया है। हम कल जाति आधारित जनगणना पर चर्चा करेंगे और फिर पीएम को पत्र लिखकर उनका समय मांगेंगे। साथ ही उपेंद्र कुशवाह के पीएम मैटेरियल के बयान पर उन्होंने कहा कि कुशवाहा जी बोल रहे हैं लेकिन हम लोगों की इन चीजों में कोई दिलचस्पी नहीं है।
ललन सिंह के जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के ठीक एक दिन बाद पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा बयान दिया है। उनके इस बयान के बाद बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई है और उनके बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
दिल्ली में आयोजित जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेकर पटना लौटने के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने एयरपोर्ट पर मीडिया कर्मियों से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि रविवार को मैं दिल्ली में ही था और शाम को पटना आना था तो दिन में सभी राज्यों के लोगों से मुलाकात हुई। इस बीच सीएम नीतीश कुमार ने ललन सिंह के अध्यक्ष चुने जाने के मामले में कहा कि जेडीयू में कोई किसी प्रकार का मतभेद नहीं है और जेडीयू एकजुट है।
साथ ही, उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी वाले बयान पर नीतीश कुमार ने कहा कि सबका समर्थन था कि ललन सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष बने. पार्टी की बैठक में जब यह प्रस्ताव रखा गया उसके बाद सभी का भाषण हुआ और सभी लोगों ने सहमति जताई। इसके अलावा, उपेंद्र कुशवाहा द्वारा सीएम नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल कहे जाने पर सीएम नीतीश कुमार ने खुद कहा कि ऐसी बात नहीं है।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर पार्टी नेता ललन सिंह को बधाई दे रहे हैं लेकिन केंद्रीय मंत्री और नीतीश कुमार के बेहद करीबी नेता आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के फैसले से शायद खुश नहीं हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने उन्हें शुभकामनाएं दी। ट्विटर पर एक के बाद एक कुल छह ट्वीट किया। लेकिन किसी ट्वीट में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जिक्र नहीं किया।
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी जब आरसीपी सिंह केंद्रीय मंत्री बने थे तो उन्हें सार्वजनिक तौर पर बधाई नहीं दी थी। तभी मामले में सफाई देते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा थी कि लोग बेवजह इस बात को मुद्दा बना रहे हैं। जरूरी नहीं है कि ट्वीट कर ही बधाई दिया जाए। लोग फोन पर भी बातचीत करते हैं। लेकिन आरसीपी के ट्वीट ने एक बार फिर इस कयास को हवा दे दी है कि मुख्यमंत्री और उनके बीच दूरी बढ़ गई है।