उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता केशव प्रसाद मौर्य ने अगले लोकसभा चुनाव में विपक्ष के गठबंधन ‘इंडिया’ की संभावनाओं को खारिज करते हुए इसे “भ्रष्टाचारी परिवार क्लब” कहा और दावा किया कि वे कोई भी रणनीति अपना लें उत्तर प्रदेश में अस्सी की अस्सी सीट भाजपा ही जीतेगी।
‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक विशेष साक्षात्कार में मौर्य ने कहा, “यूपीए के इस गठबंधन का कोई भविष्य नहीं है, ये कब बिखर जाएगा कह नहीं सकते। वहां एक दर्जन से अधिक प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं और रोज उनके उम्मीदवारों की संख्या बढ़ती जा रही है…और ये जो पर्यटन करते हैं पटना, बेंगलुरू, मुंबई.. मैं ये मानता हूं इसे जनता गंभीरता से नहीं लेती।”
मौर्य से पूछा गया था कि विपक्ष के गठबंधन ‘इंडिया’ की चुनौती कितनी गंभीर होगी अगर अगले लोकसभा चुनाव में वह भाजपा के प्रत्याशी के खिलाफ अपना संयुक्त उम्मीदवार उतारने की रणनीति पर काम करते हैं तो।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, “वे सबकुछ कर लें। एक गठबंधन बना लें, एक प्रत्याशी उतार लें, एक चुनाव चिन्ह ले लें और एक ध्वज को लेकर आ जाएं, लेकिन तब भी अस्सी की अस्सी सीटें यूपी की (हम) जीतेंगे।”
भाजपा नेता ने याद दिलाया कि 2019 में जब समाजवादी पार्टी (सपा) बहुजन समाज पार्टी (बसपा), कांग्रेस और अन्य ने ‘एक साथ चुनाव लड़ा था’ तो उनकी पार्टी (भाजपा) को उत्तर प्रदेश में 51 प्रतिशत वोट मिले थे।
मौर्य ने कहा, ”कांग्रेस सहित जो विपक्षी गठबंधन है उसके पास कोई मुद्दा नहीं है, वह नेता विहीन है।”
उन्होंने टिप्पणी की कि “वे जब पटना में बैठक करते हैं तो कुछ तय करते हैं, बेंगलुरु पहुंचते-पहुंचते कोई उनका साथ छोड़कर चला जाता है। मुंबई पंहुचते हैं वहां एक अलग एजेंडा फिक्स करते हैं कि समाज को बांटो और राज करो का रास्ता अपनाओ। लेकिन वह इसमें सफल नहीं होंगे।“ विपक्ष के विभिन्न नेताओं के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के मामलों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “ये सब भ्रष्टाचारी परिवार हैं और यह भ्रष्टाचारी परिवार क्लब बन गया है जिसका ये सब हिस्सा हैं।”
मौर्य ने विपक्ष के इस आरोप को खारिज किया कि भाजपा बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था जैसे मसलों से ध्यान हटाने के लिए धार्मिक मसले उठाती है। सनातन धर्म को लेकर ताजा विवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि जब ऐसे मुद्दे उठाए जाते हैं तो एक जिम्मेदार राजनीतिक दल होने के नाते भाजपा के लिए ऐसे सवालों का जवाब देना जरूरी हो जाता है और जवाब दिया गया है। मौर्य ने उलटा आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने से पहले कांग्रेस के नेता मंदिर में सर झुकाने नहीं जाते थे।
उन्होंने कहा, ”लेकिन अब वह भोले बाबा के मंदिर में भी जाते हैं, राम जी के मंदिर में भी जाते हैं और बताते हैं कि वह जनेऊधारी भी हैं।” मौर्य ने इसे भाजपा की वैचारिक विजय बताते हुए दावा किया, “ जिस रास्ते पर हम चले, वह भी उसी रास्ते को अपना रहे हैं। हमें उस रास्ते पर जाने की जरूरत नहीं है, हमारी विचारधारा के हिसाब से हमारी पार्टी चल रही है और आगे भी इस पर चलेगी।“ उन्होंने कहा, ”जो भी हमारे मुददे थे वह पूरे हुए हैं। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री जी को बधाई देता हूं कि रामलला का मंदिर बन रहा है और कश्मीर से अनुच्छेद 370 भी हटा है।”
इस सवाल पर कि इन दोनों के साथ भाजपा का तीसरा मुद्दा समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का था वह कब पूरा होगा, मौर्य ने कहा, ”उसकी समयसीमा नहीं बता सकते, लेकिन वह (पूरा) होगा इसका मुझे भी भरोसा है और देश को भी। उन्होंने कहा, “किसी को भी भरोसा नहीं था कि कश्मीर से धारा 370 हटेगी, अयोध्या में रामलला का मंदिर बनेगा, लेकिन ऐसा हुआ।“
यह पूछे जाने पर कि क्या यूसीसी अगले वर्ष प्रस्तावित लोकसभा चुनाव के प्रमुख मुददों में होगा, मौर्य ने कहा, “हमारा मुद्दा देश का विकास है, गरीब कल्याण है। हमारा मुद्दा इस देश को विकसित राष्ट्र बनाने का है। आजादी के अमृतकाल का जो लक्ष्य था, मोदी जी के नेतृत्व में पूरी दुनिया ने उसे पूरा होते हुए देखा है और आजादी के शताब्दी वर्ष (2047 तक) हम भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाएंगे।” उन्होंने कहा, ”यह भरोसा पूरे देश को है और उस भरोसे की ताकत के आधार पर हम चुनाव के मैदान में जाते हैं। जनता की अदालत से बड़ी कोई अदालत नहीं होती।”
इस सवाल पर कि अगले चुनाव के मददेनजर भाजपा अपने सहयोगियों की संख्या बढ़ा रही है और उत्तर प्रदेश के एक और दल राष्ट्रीय लोकदल के राजग में शामिल होने की अटकलें हैं, के जवाब में मौर्य ने कहा ”देश में और उत्तर प्रदेश में भाजपा अपने दम पर भी बहुमत में हैं, लेकिन जो उसके गठबंधन का हिस्सा हैं वे उसकी सरकार का भी हिस्सा हैं।”
रालोद का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, “जो भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन का हिस्सा बनने का इच्छुक होगा राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में उसे हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व से बात करनी पड़ेगी। अगर राष्ट्रीय नेतृत्व उसे राजग का हिस्सा बनाना उचित समझेगा तो उन्हें बनायेगा।“ मौर्य ने कहा, ”भाजपा के गठबंधन में आने के लिए दरवाजे बंद नहीं हैं, लेकिन यह निर्णय केशव मौर्य का नहीं हो सकता, यह निर्णय राष्ट्रीय नेतृत्व का है।”