उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को कानपुर में हुई हिंसा को लेकर विपक्ष ने प्रदेश की योगी सरकार की आलोचना की है। पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने कानपुर हिंसा की निंदा करते हुए राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के यूपी दौरे के दौरान ही कानपुर में दंगा और हिंसा भड़कना दुःखद और चिंताजनक है। यह पुलिस खुफिया तंत्र की भी विफलता है। सरकार को समझना होगा कि शान्ति व्यवस्था के अभाव में प्रदेश में निवेश व यहां का विकास कैसे संभव है।
मायावती ने हिंसा की जांच की मांग करते हुए कहा कि सरकार इस घटना की धर्म, जाति व दलगत राजनीति से ऊपर उठकर स्वतंत्र व निष्पक्ष उच्च-स्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटना आगे न हो। मायवती ने ने लोगों से शान्ति व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तेजक भाषणों आदि से बचने की भी अपील की।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कानपुर हिंसा की निंदा करते हुए योगी सरकार को सवालों के घेरे में लिया है। अखिलेश ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नगर में रहते हुए भी इस तरह की घटना होना पुलिस और खुफिया तंत्र की विफलता है। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की तरफ से दिए गए भड़काऊ बयान से कानपुर में जो अशांति हुई है, उसके लिए भाजपा नेता को गिरफ़्तार किया जाए।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सभी लोग शांति बनाए रखे।
बता दें कि शुक्रवार को कानपुर में दो गुटों के बीच बाजार बंद कराने को लेकर हिंसा झड़प हो गई थी। पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। आरोपियों के संपत्ति पर बुल्डोजर भी चलाया जा सकता है।