बिहार के सियासत के दो युवा चेहरे तेजस्वी यादव और चिराग पासवान इन दिनों अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव के 'गिर जाएगी बिहार सरकार' पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कहा कि सरकार जनता के भरोसे पर बनाई जाती है, जनता वोट देती है, बहुमत आता है, तब सरकार बनती है। तो सरकार का गिरना और बनना एक बार ही होता है। हमने कई बार कहा है कि हमारे पास बहुमत है और हम 5 साल तक सरकार चलाएंगे।
तेजस्वी यादव के बयान पर आरसीपी सिंह ने चुटीले अन्दाज में जवाब दिया कि आम का एक सीजन होता है। अगर बिना सीजन आम गिरने का इंतजार कीजिएगा तो इंतजार ही करते रह जाइएगा। उन्होंने कहा कि जनता ने विपक्ष में बैठने का और जनता में जाकर अपनी गलती ढूंढ़ने का मौका दिया है। वे जनता के बीच जाएं, लेकिन वो भी काम नहीं कर रहे हैं।
वही, चिराग पासवान को तेजस्वी यादव के ऑफर पर आरसीपी सिंह ने कहा कि दोनों का बैकग्राउंड एक ही है। रामविलास जी गांव की पगडंडी से राजनिति सीख कर इतना आगे बढ़े, लेकिन चिराग पासवान दिल्ली के जनपथ से राजनीति सीख कर आए हैं। उन्हें क्या पता सियासत कैसे होती है. दोनों नेता की पृष्ठभूमि एक जैसी है। परिवारवाद की वजह से इन्हें राजनीति विरासत में मिल गई है। इसीलिए दोनों की सोच भी एक ही है। दोनों की एकता तो होनी ही है लेकिन अगर साथ आ भी जाएंगे तो इससे कोई फर्क नही पड़ेगा।
बता दें कि तेजस्वी यादव ने राघोपुर में बयान दिया था कि दो-तीन महीने में सरकार गिरने वाली है और साथ ही चिराग पासवान को भी साथ आने का न्योता दिया तो चिराग पासवान के निशाने पर नीतीश कुमार हैं।